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पूरी रथ यात्रा: भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ गुंडिचा मंदिर पहुंचे

Neemuch headlines June 28, 2025, 5:53 pm Technology

पूरी रथ यात्रा: पुरी में रथयात्रा शुरू होने के एक दिन बाद शनिवार को भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ (लॉर्ड बलभद्र, गॉडेस सुभद्रा एंड लॉर्ड जगन्नाथ) के रथ अपने गंतव्य गुंडिचा मंदिर पहुंच गए। गुंडिचा मंदिर को देवताओं की 'मौसी' का घर माना जाता है, जो हर साल जगन्नाथ मंदिर से निकलकर अपनी 'मौसी' के घर जाते हैं। गुंडिचा मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अल्सो रेड: ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा कहां से निकलकर कहां तक जाती है? वापसी की रथयात्रा को 'बहुदा यात्रा' कहा जाता है: देवता 9 दिन बाद मुख्य मंदिर चले जाएंगे। वापसी की रथयात्रा को 'बहुदा यात्रा' कहा जाता है, जो इस साल 5 जुलाई को होगी। इससे पहले दिन में 'जय जगन्नाथ' और 'हरि बोल' के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने आज सुबह लगभग 10 बजे तीनों रथों को फिर से खींचना शुरू किया। पुरी में 27 जून की रात रथयात्रा रोक दी गई थी। अल्सो रेड: क्या पहले होती थी जगन्नाथ पुरी में प्रभु श्रीराम की पूजा? रथों को शुक्रवार शाम तक गुंडिचा मंदिर पहुंचना था, लेकिन भगवान बलभद्र का तालध्वज रथ के एक मोड़ पर फंस जाने के कारण श्रद्धालुओं को ग्रैंड रोड पर रुकना पड़ा जिससे अन्य 2 रथ भी आगे नहीं बढ़ सके। परंपरा के अनुसार सबसे आगे 'तालध्वज' रहता है, उसके बाद देवी सुभद्रा का रथ 'दर्पदलन' और भगवान जगन्नाथ का रथ 'नंदीघोष' रहता है। अल्सो रेड: पुरी में क्यों होती है भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्ति की पूजा, जानिए ये गूढ़ रहस्य विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, पुलिस महानिदेशक वाई. बी. खुरानिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी को भगवान जगन्नाथ के 'नंदीघोष' रथ को खींचते दिखे। रथों के अपने गंतव्य पहुंचने पर इन्हें गुंडिचा मंदिर के बाहर रखा गया। औपचारिक शोभायात्रा के बाद देवताओं को रविवार को मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा। अल्सो रेड: पुरी के जगन्नाथ मंदिर के 10 अनसुलझे रहस्य जिनके आगे विज्ञान के तर्क भी हैं नतमस्तक श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा कि हम रथयात्रा के संचालन के लिए श्रद्धालुओं समेत सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हैं। इस बीच डीजीपी वाई. बी. खुरानिया ने कहा कि रथों की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं। शनिवार को रथयात्रा के दौरान बीमार पड़े 600 से अधिक श्रद्धालुओं का पुरी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया गया। कई लोग धक्का-मुक्की के कारण घायल हो गए जबकि 200 से अधिक लोग गर्मी और उमसभरे मौसम के कारण बेहोश हो गए। अल्सो रेड: पुरी रथ यात्रा से पहले 15 दिन के लिए क्यों रथयात्रा में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया : अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को वार्षिक रथयात्रा में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था और लगभग 5 लाख श्रद्धालु शनिवार को पुरी में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि शनिवार को हल्की बारिश हुई। ओडिशा पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के लगभग 10,000 जवानों की तैनाती के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वार्षिक रथयात्रा आयोजित की जा रही है। पुलिस ने रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबंध किए हैं। पुलिस महानिदेशक खुरानिया ने बताया कि भीड़ पर नजर रखने के लिए 275 से अधिक एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

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