नीमच। जिला मुख्यालय नीमच तथा तहसील मुख्यालय मनासा एवं जावद न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा प्रसारित निर्देशों एवं माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती शोभना मीणा के नेतृत्व में 10 मई 2025 (शनिवार) को नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिला न्यायालय परिसर में स्थित ए.डी. आर. सेंटर में मुख्य न्यायाधिपति मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से लोक अदालत का उद्घाटन किया गया।
जिसमें जिला नीमच के प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजपूत, विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार सक्सेना, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्य न्यायालय डॉ. कुलदीप जैन, जिला न्यायाधीश राकेश कुमार शर्मा, जितेन्द्र कुमार बाजोलिया, श्रीमती रश्मि मिश्रा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार बौरासी, न्यायिक मजिस्टेट डॉ. श्रीमती रेखा मरकाम, श्रीमती पूजा पाठक बौरासी, सुश्री अंकिता गुप्ता, विशाल खाड़े, अंकित जैन, अभय प्रताप सिंह, जिला विधिक सहायता अधिकारी प्रवीण कुमार, खण्डपीठ सदस्यगण, पैरालीगल वॉलेंटियर्स, न्यायिक कर्मचारीगण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम के उपरांत जिले में गठित खंडपीठों में लोक अदालत की कार्यवाही, खंडपीठों के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा प्रारंभ की गई, जोकि सायं 5:30 बजे तक चलती रही। नेशनल लोक अदालत में कुल 17 खण्डपीठों में न्यायालय में लंबित 151 प्रकरणों को रैफर्ड किया गया था, जिनमें से 143 प्रकरण लोक अदालत के माध्यम से निराकृत होकर 339 व्यक्ति लाभान्वित हुये। उक्त लंबित प्रकरणों में से मोटरयान दुर्घटना के 02 प्रकरण निराकृत हुये, जिनमें 30 लाख रूपये का अवार्ड पारित हुआ। न्यायालय में लंबित प्रकरणों में सबसे अधिक चैक अनादरण के 63 प्रकरण उक्त लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हुए, जिनमें कुल राशि रूपये 110,48,969/- का अवार्ड पारित हुआ। इसके अतिरिक्त शमनीय आपराधिक प्रकरण के 29 प्रकरण निराकृत हुए, जिसमें 3,32,107/-रूपये का अवार्ड पारित हुआ। 03 अन्य सिविल प्रकरण, तथा 18 पारिवारिक विवादों से संबंधित मामले, सहित कुल 143 न्यायालय में लंबित प्रकरण निराकृत हये।
नेशनल लोक अदालत में कुल 4265 प्रीलिटिगेशन प्रकरण रेफर्ड किये गये थे, जिनमें से 379 प्रकरण उक्त लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हुये तथा 222,84,584/- रूपये की वसुली होकर, 575 व्यक्ति लाभान्वित हुये