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MP में पुलिस अधिकारियों को सांसदों और विधायकों को सैल्यूट करने का आदेश पर कांग्रेस ने किए सवाल, जीतू पटवारी ने कहा ‘पुलिस का मनोबल कमजोर करने वाला निर्णय’

Neemuch headlines April 28, 2025, 3:38 pm Technology

भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सांसदों और विधायकों को सैल्यूट करना अनिवार्य करने के आदेश पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े कहते हैं कि एमपी में क्राइम सबसे ज्यादा है, हमारे पुलिसकर्मियों के पास न आधुनिक संसाधन है न सही ट्रेनिंग है, पुलिस फोर्स पचास प्रतिशत जवानों के बल पर चल रही है और ऐसे में इस तरह का आदेश न सिर्फ उनका मनोबल कमजोर करेगा, बल्कि ये पुलिस की वर्दी के सम्मान को भी कम करेगा। पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनसेवक होता है। जनप्रतिनिधियों को सम्मान देना जरूरी है लेकिन पुलिस अगर सिर्फ सैल्यूट करेगी तो कानून व्यवस्था को कौन संभालेगा। उन्होंने ये भी कहा कि कई बार कुछ अपराधी भी राजनीति में चुनाव जीतकर आते हैं और ऐसे में पुलिस उन्हें सैल्यूट मारेगी तो कार्रवाई कैसे करेगी।

उन्होंने इस आदेश को अव्यावहारिक करार दिया है। दो दिन पहले ही पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने मध्य प्रदेश पुलिस के लिए एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत अब पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सांसदों और विधायकों को सैल्यूट करना अनिवार्य होगा। इसे लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। जीतू पटवारी ने इस आदेश पर कहा कि ‘हमारे पुलिस फोर्स के जवान की ड्यूटी का कोई समय नहीं होता। अधिकारियों की ड्यूटी का कोई समय नहीं होता। चौबीस-चौबीस घंटे भी काम करते हैं। कई वाकये आए कि पुलिस कर्मचारियों ने खुद को गोली मार ली। ये तनाव के कारण होता है। एनसीआरबी के आंकड़े कहते हैं कि मध्यप्रदेश में सबसे अधिक अपराध होता है। और ये बात मोदी जी कह रहे हैं..ये कोई आरोप नहीं है। हमारे यहां सबसे ज्यादा बेटियों का अपहरण होता है, सबसे अधिक बलात्कार होता है, आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है। हर तरह का क्राइम है। पुलिस के पास सही संसाधन नहीं है। अपराधियों के पास फार्चुनर गाड़ी है पुलिस के पास बलोरो है। जो पुलिस के पास हथियार है वो पुराने हैं..ट्रेनिंग सही नहीं है। पुलिस फोर्स पचास परसेंट जवानों से चल रही है। महिला पुलिस चालीस परसेंट ही है।’ कहा- वर्दी का सम्मान कम करने वाला निर्णय जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है इसका कारण है कि सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है। इसपर मुख्यमंत्री को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा ‘अभी आदेश आया कि पुलिस को सांसदों-विधायकों को सैल्यूट मारना होगा। मैं प्रोटोकॉल के खिलाफ नहीं हूं..लेकिन हम जनसेवक हैं। जनप्रतिनिधि तनख्वाह लेते हैं। पुलिस इनको ही सैल्यूट मारती रहेगी तो कानून कब संभालेगी। कई बार कुछ क्रिमिनल भी राजनीति में जीतकर आते हैं।

जो पुलिस सैल्यूट मारेगी वो कार्रवाई क्या करेगी। ये अव्यावहारिक है। मोहन यादव जी अगर जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना चाहते हैं तो सदन में करें। उनकी बात सुनें। कांग्रेस के विधायकों को पंद्रह करोड़ रुपए नहीं दे रहे बीजेपी विधायकों को दे रहे हैं। समानता लाएं..और कांग्रेस विधायकों को भी विकास के कार्यों के लिए राशि दें। जनप्रतिनिधि का सम्मान सैल्यूट से नहीं होगा। प्रोटोकॉल की रक्षा तब होगी जब जनता उनका सम्मान करें। ये मेरा सैद्धांतिक विरोध है इसमें कोई राजनीति नहीं है। पुलिस की वर्दी का खौफ नहीं रहेगा तो इनसे डरेगा कौन। अगर अपराधी इनकी वर्दी से डरते हैं.. हम सम्मान करते हैं तो इसका सम्मान बनाए रखना हम सबका दायित्व है।’

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