दमोह में खुद को ब्रिटेन का हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जॉन कैम बताकर मरीजों का इलाज करने वाले विक्रमादित्य यादव मामले पर कांग्रेस और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इस फर्जी डॉक्टर को घेरते हुए आरोप लगाया है कि वो कई बीजेपी नेताओं का बहुत ‘प्रिय’ था। इसे लेकर प्रियंक कानूनगो ने पलटवार किया है और कहा है कि आरोपी जिस अस्पताल में ऑपरेशन कर रहा था उसका संचालक क्रिश्चियन मिशनरी अजय लाल है जिसका बचाव कई बड़े कांग्रेसी नेता करते हैं।
उन्होंने सुप्रिया श्रीनेत से कहा कि पहले अपने वरिष्ठ नेताओं से पूछ लीजिए कि किसका बचाव करना है और किसका विरोध करना है। MP Damoh fake doctor case सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी को घेरा दरअसल, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोपी विक्रमादित्य यादव का फोटो दिखाते हुए कहा था कि ‘एक भूरे भूरे बालों वाला शख्स था ट्विटर पर नाम था प्रोफेसर N John Camm भूरे बाल। यही लगता था कि वो कोई अंग्रेज़ हैं। लेकिन वह नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है जो खुद को ब्रिटेन का फेसम डॉक्टर बताता था। सोशल मीडिया पर ज़हर उगलना, विपक्ष के ख़िलाफ़ अनर्गल लिखने वाला मोदी भक्त है यह लेकिन अब इसने जो किया वो अक्षम्य है। इस फ़र्ज़ी डॉक्टर बनकर इस आदमी ने मध्य प्रदेश के दमोह में लोगों की हार्ट सर्जरी कर डाली जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई इस हत्यारे को BJP वालों ने खूब बढ़ाया, IT सेल वालों ने खूब हीरो बनाया, इसके ट्वीट वगैरह तो ख़ुद उप्र के मुख्यमंत्री योगी जी ने साझा किए हैं।’ Advertisement कांग्रेस के अधिवेशन में फिर उठा बैलेट पेपर से चुनाव कराने का मुद्दा, भड़के खड़गे, कमलनाथ ने EVM को धोखा बताया प्रियंक कानूनगो का पलटवार इसपर पूर्व NCPCR प्रमुख और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कांग्रेस पर ही सवाल जड़ दिए हैं। उन्होंने सुप्रिया श्रीनेत की पोस्ट साझा करते हुए कहा है कि ‘यह भूरे भूरे बाल वाला आरोपी जिस अस्पताल में ऑपरेशन कर रहा था उसका संचालक क्रिश्चियन मिशनरी अजय लाल है। अजय अवैध धर्मांतरण जैसे मामलों में आरोपी है और अजय के वकील के रूप में आपकी पार्टी के नेता जी लोग कोर्ट में सामने आते हैं। अजय पर FIR होती है तो आपकी पार्टी के बड़े नेता बचाव में खड़े दिखते हैं। एक बार दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा से पूछ लो कि समर्थन करना है कि विरोध करना है।’ दमोह के फर्जी डॉक्टर ने ली सात जानें बता दें कि दमोह जिले में एक फर्जी डॉक्टर ने खुद को ब्रिटेन के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जॉन कैम बताकर मरीजों का इलाज किया, जिसके बाद 7 लोगों की मौत हो गई। आरोपी का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है और पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। आरोपी दमोह के एक मिशनरी अस्पताल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर काम कर रहा था और उसने हार्ट पेशेंट्स की सर्जरी की थी। खुलासा हुआ है कि यादव के पास कोई वैध मेडिकल डिग्री नहीं थी और उसने ब्रिटेन के प्रोफेसर जॉन कैम के नाम का दुरुपयोग कर मरीजों को गुमराह किया।