चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत की जीत के बाद पूरा देश खुशी में डूबा हुआ था और हर देश के हर हिस्से में 12 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी की जीत का जश्न मान्य गया। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से भी कुछ सुंदर दृश्य आए, जहां राजवाड़ा में लोग भारत की अद्भुत जीत का जश्न मनाने के लिए एकत्रित हुए थे लेकिन उसके पड़ोसी शहर में कुछ ऐसा देखने को मिला जो इस ख़ुशी के माहौल में नहीं होना चाहिए था।
देवास शहर में जहां कुछ फैंस ने शांतिपूर्वक जश्न मनाया, वहीं कुछ ने हंगामा किया और पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की, इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उन्हें कस्टडी में लेकर उनके सिर मुंडवा दिए और उनका जुलूस निकाला। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, कुछ युवकों ने शहर कोतवाली अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया और पुलिस वाहन में तोड़फोड़ करने की भी कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उनका सीर मुंडवा कर उनका जुलूस निकाला।
हालांकि सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा युवकों को हिरासत में लेने की घटना वायरल होने के बाद भाजपा विधायक गायत्री राजे पवार इस कदम से खुश नहीं हैं और उन्होंने दावा किया कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए युवक निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गलत लोगों को गिरफ्तार किया है और देवास के पुलिस Superintendent पुनीत गेहलोत से मामले की जांच करने को कहा है। गेहलोत ने कहा कि इस मामले में देवास सिटी एसपी द्वारा एक अलग जांच भी शुरू की गई है। राजे ने कहा, "मैंने सदन में यह मुद्दा उठाया है और एसपी से भी इस बारे में बात की है, क्योंकि हर कोई जीत का जश्न मना रहा था। जिन युवकों पर मामला दर्ज किया गया है, उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए, उनके साथ जो कुछ भी हुआ, मुझे लगता है कि यह उन पर ज़रूरत से ज़्यादा प्रतिक्रिया है। मैंने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है और मुझे लगता है कि उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने कहा, "9 मार्च को ICC Champions Trophy के जश्न के दौरान कुछ लोगों ने अराजकता फैलाई, पुलिस के साथ कुछ बदसलूकी भी हुई। इसके बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पुलिस अंधाधुंध बल प्रयोग करती दिख रही थी, विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हम 7 दिनों के भीतर जांच पूरी कर लेंगे" मध्यप्रदेश के महू में भी हुआ था चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत के बाद बड़ा विवाद मध्य प्रदेश में इंदौर से लगे शहर महू में निकल रहे विजय जुलूस के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि पथराव शुरू हो गया।
जंगल में आग की तरह यह खबर पूरे शहर में फैल गई तो पांच जगह पथराव हुआ। वाहनों में तोड़फोड़ हुई। पेट्रोल बम फेंके गए और दुकानों में आग लगा दी गई। देखते ही देखते शहर में शांति भंग हो गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। महू में हिंसा को लेकर 2 लोगों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया। महू क्षेत्र के अपराधी सोहेल पिता शाहिद कुरेशी और एजाज पिता मोहम्मद रफीक़ पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक इंदौर ग्रामीण के प्रतिवेदन पर यह कार्रवाई हुई है। पुलिस के मुताबिक चैम्पियन्स ट्रॉफी में भारत की जीत के जुलूस के बाद सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने के दोनों आरोपी हैं।