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पटवारी पद पर भर्ती के नाम पर 12 लाख रूपये लेने वाले आरोपी को 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माना।

श्रीपाल बघेरवाल March 12, 2025, 4:52 pm Technology

नीमच। श्रीमती पुष्पा तिलगांम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, नीमच के द्वारा पटवारी परीक्षा के परीक्षार्थीयों से पटवारी की नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देकर 06 आवेदकगण से प्रत्येक से 02-02 लाख रूपये, इस प्रकार कुल 12 लाख रूपये लेकर धोखाधड़ी कर अमानत में खयानत करने वाले आरोपी रमेशचन्द्र बैरागी को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 420 में 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं धारा 406 में 03 वर्ष के सश्रम कारावास से एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाली एडीपीओं श्री पारस मित्तल द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आवेदकगण नितेश माली, अशोक किलोरिया, जय पाटीदार, नवीन माली, सुनीता धाकड़ व टीना धाकड़ ने ग्राम जावी निवासी रमेशचन्द्र पिता भगवतीदास बैरागी के विरूद्ध एक आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक नीमच को दिया था कि वे वर्ष 2023 में पटवारी परीक्षा की तैयारी कर रहें थे, तभी दिनांक 07.01.2023 से दिनांक 27.09.2023 के मध्य अनावेदक रमेशचन्द्र बैरागी उनसे मिला और कहा कि वह कलेक्टर कार्यालय नीमच से सेवानिवृत्त हैं और उसकी सभी विभागों में अच्छी पँहुच हैं। पटवारी परीक्षा के लिये फार्म भरों वह उन्हें नौकरी में लगवा देगा और कहा कि इसके लिये तुम प्रत्येक को 02-02 लाख रूपये देने होंगे। आवेदकगण ने यह भी बताया कि आरोपी रमेश ने उन्हें अन्य बड़े-बड़े अधिकारियों के साथ फोटो दिखाकर भरोसे में लिया और प्रत्येक आवेदकगण से पटवारी पद पर नियुक्ति हेतु 02-02 लाख रूपयें, इस प्रकार कुल 12 लाख रूपये प्राप्त किये। आवेदकगण ने पटवारी भर्ती परीक्षा दी किन्तु आवेदकगण की नियुक्ति नहीं होने पर उनके द्वारा आरोपी से रूपये की मांग करने पर आरोपी ने उन्हें कहा कि अधिकारियों ने किन्ही अन्य को नौकरी दे दी हैं और रूपये वापस करने के टालमटोल करता रहा, इस प्रकार आरोपी रमेश ने धोखाधड़ी कर आपराधिक न्यासभंग का अपराध किया। आवेदकगण के आवेदन पर जाँच उपरांत थाना नीमच सिटी पर आरोपी के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 420 व 406 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने एक पेन ड्राईव भी जप्त की जिसमें आवेदक एवं आरोपी के मध्य उक्त परीक्षा एवं रूपयों को लेकर बातचीत हुई थी और आरोपी के कब्जे से आवेदकगण के दस्तावेजों की छायाप्रतियां भी जप्त की गई और अनुसंधान उपरांत अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में आवेदकगण, विवेचक व पंचसाक्षी सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुवे आरोपी रमेश बैरागी को उसके कृत्ये के लिये कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420 के अपराध में 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000रू अर्थदण्ड व धारा 406 के अपराध में 03 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी पारस मित्तल, एडीपीओ द्वारा की गई।

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