नीमच। नीमच जिले के जावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम रतनगढ़ में एक बड़ा ही शर्मनाक वाकया हुआ जहां कुछ दबंगों ने मिलकर एक आदिवासी विधवा अनपढ़ महिला को लात घुसो से बुरी तरह से मारपीट कर उसके घर पर जेसीबी चला दी।
और महज 2.00 घंटे के अंदर महिला को बेघर कर उसका सारा सामान तोड़फोड़ दिया। इससे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि वहां पर काफी भीड़ हो गई सीसीटीवी कैमरे में सारा वाकया दर्ज हुआ इतना सब होने के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा किसी प्रकार से विधवा महिला की कोई मदद नहीं की गई।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन एक महिला इस तरह बेबस आँखों से न्याय की आस लगाती ही रह गयी। जानकारी अनुसार एक कच्चे झोपड़ी नुमा कवैलु के मकान मे पिछले 40-50 वर्षो से मजदूरी कर अपना गुजर बसर कर रह रही एक गरीब आदिवासी भील समाज की विधवा बैसहारा महिला शांतिबाई पति स्व. भेरुलाल भील को जबरदस्ती मारपीट कर उसके घर से निकाल कर सब खाने पीने का समान फेंक कर दंबगो ने सत्ता, समाज की पूरी दंबगई दिखाई। और उसके रहने के एकमात्र टूटे फूटे झोपड़ी नुमा मकान पर जेसीबी मशीन चला दी गई।
यह घटनाक्रम दिन दहाड़े लगभग 12 से 01 बजे के बिच का है। विधवा आदिवासी महिला शांति बाई के साथ मोहन सरकार मे हुआ घोर अन्याय और अत्याचार हुआ। ऐसे में लगभग दो-तीन घंटे तक अकेली रतनगढ थाने पर बैठने के बाद भी रोती बिलखती विधवा आदिवासी महिला की कही कोई भी सुनवाई नहीं हुई। गांव मे भी किसी ने भी इस बैबस लाचार का कोई साथ नही दिया। यह सारा घटनाक्रम सीसीटीवी में भी कैद हुआ।
पर ना तो प्रशासन ना नगर परिषद और ना ही पुलिस विभाग में महिला की सुनवाई हुई। यहाँ तक की आस पास के पड़ोसियों ने भी उस अबला महिला की कोई मदद नहीं की। बताया यह भी जा रहा हे कि यह जमीन पंचायत के समय में किसी बोहरा समाज के व्यक्ति की बताई जा रही हे लेकिन पंचायत में इस बात का पूराना कोई रिकॉर्ड भी नहीं हे। चूंकि अब यह जमीन करोड़ों रुपए की हो गई हे और नगर पंचायत रतनगढ मे बेठे स्वजातीय नेताओ से पूरी तरह से साठगांठ कर फर्जी तरीके से पहले पंचायत में दर्ज करवा दिया गया। और फिर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री व नामान्तरण करवा लिया गया हे।
सभी पार्षदों को इसकी जानकारी होने के बाद भी किसी ने इसका विरोध क्यो नही किया अब इसका कारण आप अच्छी तरह से समझ सकते हे, शायद सभी पर आर्थिक दबाव काम कर गया।
महिला भाजपा के कद्दावर नेता स्वर्गीय पार्षद नाथुलाल भील कि बहन बताई जा रही हे। महिला के केवल एक लड़की चंदाबाई हे जिसका कई वर्षों पूर्व अन्य जगह विवाह हो गया था, ऐसे में महिला अकेली रह रही हे। अब सोचने वाली बात हुई थी क्या इस महिला की दर्द और बेबसी की कहानी वरिष्ठ अधिकारियो तक पहुंचेगी..? क्या महिला को न्याय मिलेगा...?, उसके सर पर छत फिर से होगी या अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक महिला ऐसे ही हमेशा के लिए बेघर हो जायेगी।
इनका कहना :-
पूर्व मैं इन लोगों का आपसी समझौता हुआ था ऐसी सूचना मिली थी। इस मामले में अभी महिला को वापस थाने पर बुलाया जाएगा बयान के पश्चात प्रकरण भी दर्ज किया जाएगा महिला को न्याय मिलेगा।
--बी एस गोरे थाना प्रभारी रतनगढ़।