जबलपुर के बाल संप्रेषण गृह से सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात 8 नाबालिग आरोपी फ़रार हो गए. ये नाबालिग आरोपी पहले से ही आदतन अपराधी थे और इससे पहले भी बाल संप्रेषण गृह में रह चुके हैं. इस घटनाक्रम ने न केवल शहर में हड़कंप मचाया बल्कि पुलिस और प्रशासन के लिए भी चुनौती खड़ी कर दी. जानकारी के मुताबिक़ , यह घटना रात क़रीब 1-2 बजे के बीच हुई थी जब सभी 8 नाबालिग लड़के अचानक चौकीदार राजेंद्र कुमार पटेल के पास पहुँचे और उससे गेट की चाबी माँगने लगे , इसके जवाब में चौकीदार ने चाबी देने से मना किया, तो आरोपियों ने बिना सोचे समझे चौकीदार के सिर पर ताला मारकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया.
इतना ही नहीं आरोपियों ने चौकीदार का मोबाइल भी छीन लिया और छत की चाबी लेकर ऊपर चढ़ गए. इस तरह छत से कूदकर सभी आरोपी रोड के तरफ़ चले गए और फ़रार हो गए. अवैध हथियार और गंभीर अपराधों में शामिल नाबालिग इन नाबालिग आरोपियों के बारे में अधिक जानकारी मिली है, जिसमें यह पाया गया है कि वे अवैध हथियार रखने , मारपीट और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल रह चुके हैं. पुलिस के अनुसार ये सभी आरोपी साढ़े 17 साल के है और बाल संप्रेषण गृह में कह चुके हैं. क्या मोक्ष गरीबों का ही होता है, VIP का क्यों नहीं, क्या भगवान को भी VIP से नफरत है, केके मिश्रा के सरकार पर तंज आरोपियों के फ़रार होने की ख़बर जैसे ही पुलिस को मिली, राँची थाना पुलिस और बाल संप्रेषण गृह के अधिकारी तुरंत मौक़े पर पहुँचे और फ़रार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. 1 नाबालिग के पिता ने की फ़रार होने में मदद जानकारी के अनुसार फ़रार होने से पहले एक नाबालिग ने चौकीदार के मोबाइल से अपने पिता को फ़ोन मिलाया था. फ़ोन पर उसने अपने पिता फ़रार होने की बात बतायी और अपने पिता को मेन रोड पर गाड़ी लेकर बुलवा लिया. उसी गाड़ी से सभी आरोपी फ़रार हो गए