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इंदौर पुलिस की कार्रवाई, किराए पर वाहन लेकर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 5 आरोपी गिरफ्तार

Neemuch headlines January 20, 2025, 5:12 pm Technology

इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर जिला हमेशा किसी-न-किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में छाया रहता है। कभी यहां चोरी के मामले सामने आते हैं, तो कभी डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। दिन-प्रतिदिन ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इन आपराधिक घटनाओं को रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन रही है।

इसकी रोकथाम के लिए लगातार तरह-तरह के घर पकड़ अभियान चलाए जाते हैं, जिसमें पुलिस को सफलता भी हाथ लगती है। इसके बावजूद, बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। इसका एक ताजा मामला हाल ही सामने आया है, जब पुलिस ने चार पहिया वाहनों को किराए पर लेकर उन्हें बेचने या गिरवी रखने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गांधीनगर का मामला दरअसल, मामला गांधीनगर का है। जब पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से 1 चार पहिया वाहन जब्त किए हैं, जिसकी मार्केट में कीमत डेढ़ करोड़ रुपये है। बता दें कि 8 फरियादियों ने इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए टीम का गठन किया गया और जांच शुरू की गई। इस दौरान पाया गया कि सभी शिकायतों में एक ही फर्म के माध्यम से वाहन किराए पर लिए गए थे। डीसीपी विनोद कुमार मीणा ने बताया कि गिरोह के सदस्य आम लोगों से चार पहिया वाहन किराए पर लेने के लिए एग्रीमेंट करते थे।

पिछले कई महीनो से नहीं किराया दिया जा रहा है और ना ही वाहन को वापस सुप्रस्ट किया जा रहा है। जांच के दौरान यह पाया गया कि संबंधित व्यक्ति एक गिरोह का सदस्य है, जो आमजनों से किराए की डिमांड कर वहान को ले जाता है और फिर उसे महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य राज्यों में ले जाकर या तो बेच दिया जाता था या फिर गिरवी रखकर पैसे कमाते थे। पूछताछ जारी पुलिस ने यह गिरफ्तारी मुखबिर सूचना के आधार पर की। इसके अलावा, गिरोह की हर गतिविधियों पर तकनीकी निगरानी रखी जा रही थी। जिसके आधार पर गिरोह का मुख्य आरोपी सरगना सचिन को गिरफ्तार किया गया, जो कि महू का निवासी है। जिससे पूछताछ करने के बाद अन्य सदस्यों अरकान, विशाल, अविनाश और विकास को पकड़ गया है। मामले में और भी खुलासे होने की उम्मीद है। अलर्ट रहने की सलाह घटना को लेकर पुलिस ने प्रेस नोट के जारी कर आम जनता को अलर्ट रहने की सलाह दी है। साथ ही यह कहा गया है कि वाहन किराए पर देने से पहले दस्तावेजों की जांच करें और अनजान या संदिग्ध व्यक्तियों को वाहन न सौंपें।

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