नीमच । माता सती ने जब तक श्री राम कथा नहीं सुनी थी तब तक वह मृत्यु से भयभीत थी। पूरे मनो भाव से भगवान शंकर से माता सती ने श्री राम की लीलाएं सुनकर अपनी मृत्यु के भय से मुक्त हो गई। श्री रामचरितमानस कथा मानव को भय से मुक्त करती है। मनुष्य जो सांसारिक मोह बंधनों से बंधा है वह यदि श्री राम कथा मनो भाव से सुनता है तो उसकी सभी मोह बंधनों से मुक्ति मिलती है। तथा वह भगवान हरि के चरणों में स्थान प्राप्त कर लेता है।
श्री राम कथा श्री राम जी की तरह मर्यादा के साथ जीवन जीना सिखाती है। रामचरित मानस के सभी अक्षर जीवन में नई प्रेरणा देते हैं। यह बात भागवत आचार्य विक्रम पुरोहित जी महाराज ने कही। वे स्कीम नंबर 36 सिद्धेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में श्री राम नाम प्रभात फेरी मंडल एवं भक्तों द्वारा अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण को एक वर्ष पूर्ण होने के पावन उपलक्ष्य में क्षेत्र की खुशहाली एवं सुख समृद्धि के लिए मंदिर परिसर में आयोजित श्री राम कथा के मध्य धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राम कथा श्रवण करने से जन्म जन्म के पाप कर्म मिट जाते हैं। शीत लहर के बावजूद बड़ी संख्या श्रद्धालु भक्त सहभागी बने। आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।