सीएम डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर हाईकोर्ट का आभार जताया, यूनियन कार्बाइड कचरे के मुद्दे पर सरकार को मिला 6 हफ्ते का समय

Neemuch headlines January 6, 2025, 3:38 pm Technology

पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा छह सप्ताह का समय दिए जाने पर धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा “हमने जो कहा था, वही बात हमने हाई कोर्ट में भी रखी है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार हमने यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में शिफ्ट किया था।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन भावनाओं का सम्मान करते हुए और सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने यह फैसला लिया है कि इस मामले में सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए अदालत ने छह सप्ताह का समय तय किया है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने इस बात को माना है कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा ‘अदालत का फैसला सरकार की मंशा के अनुरूप’ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सरकार की मंशा के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा, “मैं माननीय हाई कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। हाई कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह सरकार की मंशा को जानकर दिया है। हम माननीय हाई कोर्ट की परामर्श के बाद ही आगे बढ़ेंगे।” इसी के साथ उन्होंने पीथमपुर के लोगों से अपील की कि वे अपनी चिंताओं और विचारों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें।

उन्होंने कहा, “मैं भी यही कहना चाहूंगा कि सभी पक्ष माननीय न्यायालय के सामने अपनी बात रखें। अभी समय है। यह फैसला हम सबकी आशा और अपेक्षा के अनुरूप आया है।” यूनियन कार्बाइड कचरे के मुद्दे पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई, अदालत ने MP सरकार को दिया छह हफ्ते का समय, मीडिया को झूठी भ्रामक जानकारी न देने के निर्देश सरकार को मिला छह हफ्ते का समय मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का पूरा विश्वास और आस्था माननीय हाई कोर्ट में है और वह इसके निर्देशों का पालन करते हुए जनभावनाओं का सम्मान करते हुए ही आगे कदम बढ़ाएंगे। बता दें कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने आज सरकार को निर्देश दिया है कि वह जनता को इस मुद्दे पर भरोसे में लेने के लिए अगले छह हफ्तों के भीतर ठोस कदम उठाए। साथ ही, मीडिया को भी सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी प्रकार की भ्रामक या असत्य जानकारी प्रकाशित या प्रसारित न करें। इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।

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