Latest News

नारायण नाम की भक्ति का स्मरण करें तो जीवन का कल्याण हो सकता है - गोविंद उपाध्याय, गोपाल मंदिर बघाना में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित।

Neemuch headlines January 2, 2025, 6:46 pm Technology

नीमच । जेब और तिजोरी में रखा धन तो खत्म हो सकता है। या चोरी हो सकता है लेकिन हृदय में बसे प्रभु का नाम का धन आपकी असली पूंजी है। यह कभी चोरी नहीं हो सकता है। यह आपको भव से पार तार सकता है। भगवान के नाम के प्रभाव से मनुष्य जीवन का कल्याण हो सकता है। नारायण नाम की भक्ति जाप करें तो जीवन का कल्याण हो सकता है।

अजामिल जैसे महापापी ने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा तो उसका भी कल्याण हो गया था। कलियुग में परमात्मा की भक्ति नाम ही आधार है। यह बात राष्ट्रीय अटल गौरव पुरस्कार से सम्मानित भागवत आचार्य पंडित गोविंद उपाध्याय नृसिंह मंदिर मनासा वालों ने कहीं। वे अग्रवाल समाज एवं राधिका मंडल बघाना के संयुक्त तत्वाधान में बघाना स्थित फतेह चौक गोपाल मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा के द्वितीय दिवस बोल रहे थे। श्रीमद् भागवत के प्रथम श्लोक का उच्चारण करते हुए उन्होंने बताया कि धर्म से डर कर या लोभ से भगवत की प्राप्ति नहीं होती। भगवत प्राप्ति करना है तो प्रभु रस की भक्ति करो इसी से निश्चित भगवत प्राप्ति होगी। हमें धर्म का व्यापार नहीं बनाना चाहिए। धर्मशास्त्र से विमुख बातें करोंगे तो आने वाली पीढ़ी को धर्म संस्कार का सही अर्थ कैसे बताएंगे। हमें जो यह मानव जीवन मिला है यह विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है लेकिन मनुष्य भगवान की भक्ति को छोड़कर विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है।

उसका सारा ध्यान सांसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। परन्तु मानव जीवन का उद्देश्य भगवत प्राप्ति है। अथवा हमारे जीवन का उद्देश्य श्री कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है। बच्चों के नाम भगवान के नाम पर ही रखना चाहिए था ताकि हम इसी बहाने परमात्मा का नाम हमारी जीबान पर आ सके। परमात्मा की यदि हम पर करुणा बरस जाए तो भवसागर से पार जाने के लिए हमें नोका बन जाना चाहिए स्वयं की खिवैया कभी नहीं बनना चाहिए। अपनी पतवार परमात्मा के हाथ में रखना चाहिए। यदि खुश रहना है तो शांति लाना सीखना चाहिए। प्रगति लाना चाहते हैं तो शांति बनाए रखना चाहिए। यदि खुशी पाना चाहते हैं तो प्रभु भक्ति में विश्वास होना आवश्यक है तभी कृपा प्राप्त हो सकती है। दूसरों के कष्ट आने पर कर्तव्य से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए समय आने पर इसका फल मिलता है जिस प्रकार माली बगीचे को सींचता है लेकिन समय आने पर उसका फल अवश्य मिलता है मनुष्य के जीवन में माता-पिता वह देवी देवता है जो जो हमें पालन पोषण शिक्षण आदि का प्रबंध कर सकते हैं और हमारे जीवन की रक्षा करते हैं संतान के कारण कभी भी माता-पिता की आंखों में आंसू नहीं आना चाहिए।

श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा 1 से 7 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक फतह चौक बघाना स्थित गोपाल मंदिर के प्रांगण में पंडित गोविंद उपाध्याय जी के श्री मुख से प्रवाहित हो रही है। भागवत कथा में कल भागवत कथा के तृतीय दिवस आज 3 जनवरी को भागवत आचार्य गोविंद उपाध्याय महाराज द्वारा भगवान शिव पार्वती विवाह के प्रसंग चरित्र पर प्रकाश डाला जाएगा।

Related Post