प्रयागराज महाकुंभ में जारी होगी हिन्दू आचार संहिता, कुरीतियों को दूर करने पर जोर

Neemuch headlines December 31, 2024, 4:44 pm Technology

प्रयागराज महाकुंभ में जारी होगी हिन्दू आचार संहिता, कुरीतियों को दूर करने पर जोर प्रयागराज महाकुंभ में इस बार हिन्दू आचार संहिता जारी की जाएगी। इसके तहत में हिन्दू समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने पर जोर दिया गया है। विस्तृत हिंदू आचार संहिता करीब 300 पृष्ठों की है और दो पृष्ठों का सारांश है।

इसे हिन्दू धर्म ग्रंथों के गहन अध्ययन के बाद तैयार किया गया है। इस संहिता में हिन्दू विवाह परंपरा में व्याप्त कुरीतियों के साथ अन्य बुराइयों को दूर करने पर विचार किया गया है। विवाह में दहेज, कन्या भ्रूण हत्या, महिला अधिकार, दिन में विवाह की सलाह: -इस आचार संहिता में हिन्दू विवाहों में बढ़ती फिजूलखर्चियों गलत बताया है, साथ दिन के विवाह को सर्वश्रेष्ठ और वैदिक परंपरा के अनुरूप बताया गया है। इसमें दहेज निषेध की बात कही गई है तथा कन्यादान को श्रेष्ठ दान बताया गया है। हजारों धर्मगुरुओं व विद्वानों से विमर्श के बाद इसे काशी विद्वत परिषद ने तैयार किया है। इसे कुंभ में विश्व हिंदू परिषद के संत सम्मेलन में देशभर के संतों के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद इस आचार संहिता व्यापक विचार विमर्श होगा। फिर इसे जारी किया जाएगा। इस आचार संहिता में जातिवाद पर भी टिप्पणी की गई है। दरअसल, जातिवाद और अस्यपृश्यता को शास्त्र सम्मत नहीं बताया गया है।

इस आचार संहिता में धर्म परिवर्तन कर दूसरे धर्म में गए हिन्दू समुदाय के लोगों की घरवापसी का उल्लेख भी है। आगंतुकों की गणना होगी: -महाकुंभ 2025 में प्रत्येक आगंतुक की गणना होगी और इसके लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी फेस आईडेंटीफिकेश, रिस्ट बैंड और मोबाइल ऐप का प्रयोग किया जाएगा। महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था को 7 स्तरीय बनाया गया गया है। इसके लिए पहला स्तर प्रयागराज जिले की सीमा से सटे 7 जिलों में होगा। इनमें से एक जिला मध्यप्रदेश का है। महाकुंभ 2025 13 जनवरी से आरंभ होगा और 25 फरवरी को संपन्न होगा। इस दौरान लगभग 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मेले में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की गणना होगी। इसके लिए पहली बार 'पर्सन एट्रिब्यूट सर्च कैमरों' के आधार पर ट्रेकिंग की जाएगी। दूसरी विधि आरएफआईडी रिस्ट बैंड है। इसके अंतर्गत तीर्थयात्रियों की 'रिस्ट बैंड' प्रदान किए जाएंगे। इससे तीर्थ यात्री का आने और जाने का समय दर्ज होगा।

तीसरी विधि मोबाइल ऐप की है, जिसमें इसके आधार पर तीर्थ यात्रियों की 'लोकेशन ट्रेस' की जाएगी।

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