नीमच। ग्राम पंचायत सावन के सरपंच जितेंद्र कुमार माली के कदाचरण के मामले को लेकर एक बार फिर ग्रामीणजन कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने सरपंच द्वारा निर्वाचन के समय दिए गए शपथ पत्र में छिपाई गई जानकारी एवं पंचायत में भ्रष्टाचार को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत किए।
साथ ही धारा 40 के तहत पद से हटाने की मांग की है। कलेक्टर चंद्रा को सौंपे गए आवेदन में ग्रामीणों ने बताया है कि सरपंच जितेंद्र कुमार उर्फ जीवन पिता प्यारेलाल माली द्वारा पंचायत निर्वाचन के समय वर्ष 2022 में हलफनामे में गलत जानकारी दी गई और सरपंच बनने के बाद पद का दुरुपयोग किया।
13 नवंबर 2024 को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ संदिग्ध अवस्था में पकड़ा गया और वीडियो भी वायरल हुआ है। सीमेंट कांक्रीट रोड नर्माण और मनरेगा योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। जिस पर वैधानिक कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत सावन के सरपंच पद से हटाने एवं पंचायत के खाते में सरपंच के हस्ताक्षर से लेन देन पर रोक लगाने की मांग की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि पद पर रहते हुए सरपंच द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की शिकायतें की गई और अवैध संबंध स्थापित किए गए। जिसकी रिपोर्ट स्वयं सरपंच की पत्नी द्वारा महिला पुलिस थाना में कराई गई। बाद में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के भी दोषी पाए जाने पर 16 दिसंबर 2024 को आदेश क्रमांक 854/2024-25 के अंतर्गत उसकी सेवा समाप्त की गई है।
इसी तरह से उज्जैन के नानाखेड़ा पुलिस थाना इलाके में जितेंद्र कुमार को उसकी ही पत्नी के द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ 13 नवंबर 2024 को पकड़ा जाकर विवाद होने के वीडियो और जुलूस निकालने की वीडियो सामने आ चुके हैं। जो भारतीय न्याय संहिता के अनुसार साक्ष्य विधान 65 के अंतर्गत पर्याप्त साक्ष्य हैं। दिनांक 06 सितंबर 2024 को जितेंद्र माली के विरुद्ध उसकी दूसरी पत्नी के द्वारा महिला पुलिस थाना नीमच में भी रिपोर्ट की जा चुकी है। जिसमें दोनों के बीच वैवाहिक संबंध का अनुबंद पत्र संलग्न होने के साक्ष्य है। इस मौके पर रमेशचंद्र चौधरी, सुरेश शर्मा, प्रहलाद भट्ट, मनीष शर्मा, कुशलचंद्र चौधरी, भगत गुर्जर,फकीरचंद्र पाटीदार, जेतराम मालवीय, रामचंद्र शर्मा, आशीष विश्वकर्मा, विष्णु भाटी सहित अनेक लोग मौजूद थे। आगनवाड़ी कार्यकर्त्ता पर कार्यवाही तो सहायिका पर कार्यवाही क्यों नहीं..? :- ग्राम सावन के ही निवासी विष्णु भाटी ने यह भी मांग की है कि इस पुरे मामले में आगनवाड़ी कार्यकर्त्ता को नोकरी के समय बी एड करने की जानकारी के चलते सेवा समाप्त कर बर्खास्त किया गया तो उसी आगनवाड़ी की सहायिका जो स्वयं भी उसी समय में बी एड कर रही है। और नियमानुसार उसपर भी कार्यवाही बनती है। तो ऐसे में महिला बाल विकास आखिर किस चीज का इंतज़ार कर रहा है। और आखिर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है। इसको लैकर भी स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश का माहोल है।