नीमच स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त 2025 को राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश की विभिन्न जैली से आजीवन कारावास के 156 दंडित बंदी, जिनमें 06 महिलाएं भी सम्मिलित हैं, रिहा किए जाएंगे। मध्यप्रदेश शासन, जेल विभाग की रिहाई नौति 27 मई 2025 के तहत आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को सजा में विशेष माफी प्रदान की जा रही है।
इस नीति के अंतर्गत आजीवन कारावास से दंडित बंदियों में बलात्कार, पाक्सी आदि प्रकरण वाले दंडित बंदियों को किसी भी प्रकार की माफी प्रदान नहीं की गई है। रिहा किए जा रहे बंदियों को जेल में निरुद्ध रहने के दौरान उनके पुनर्वास हेतु उन्हें टेलरिंग, कारपेन्ट्री, लौहारी, भवन मिस्त्री, भवन सामग्री निर्माण आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिससे रिहा होने के पश्चात वह अपनी जीवकोपार्जन के साधन अर्जित कर सकें। मुख्यमंत्री महोदय डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश शासन की रिहाई नीति में आवश्यक संशोधन किया गया है और अब आजीवन कारावास से इंधित बंदियों को वर्ष में 05 अवसरों पर रिहा किया जाएगा। पूर्व में गणतंत्र दिवस, अंबेडकर जयंती, स्वतंत्रता दिवस एवं गांधी जयंती पर बंदी रिहा किये जाते थे, किन्तु अब राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस (15 नवम्बर) को भी आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को पात्रतानुसार रिहा किया जाएगा। महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं, डॉ. वरुण कपूर ने रिहा होने वाले बंदियों से उन्हें पुनः अपराध नहीं करने की अपील की है, साथ ही उनसे अपेक्षा की है कि वह जेल में परिस्ट्ध रहने के दौरान जी कौशल और प्रशिक्षण अर्जित किया है,
उसका उपयोग अपने परिवार के जीविकोपार्जन एवं अच्छे समाज के नव-निर्माण में सहभागी बनने के लिए करेंगे। यह जानकारी उपजेल जावद के सहायक अधीक्षक श्री अंशुल गर्ग ने दी हैं। स्वतंत्रता दिवस पर जेल से रिहा होने वाले बंदियों की जेलवार संख्या, केंद्रीय जेल उज्जैनसे 14, केंद्रीय जेल सतना से 17, केंद्रीय जेल नर्मदापुरम से 11, केंद्रीय जेल बडवानी से 3, केंद्रीय जेल ग्वालियर से 16, केंद्रीय जेल जबलपुर से 14, केंद्रीय जेल रीवा से 19, केंद्रीय जेल सागर से 14, केंद्रीय जेल नरसिहपुर से 6, केंद्रीय जेल इंदौर से 10, केंद्रीय जेल भोपाल से 25, जिला जेल देवास से एक, जिला जेल टीकमगढ़ से 2, जिला जेल इंदौर से 2, सब जेल पवई से एक, सब जेल बण्डा से एक बंदी रिहा हो रहे हैं।