भोपाल। मध्यप्रदेश में अब क्रिसमस के दिन तबला दिवस मनाया जाएगा। बता दें कि प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने क्रिसमस के दिन तबला दिवस मनाने का ऐलान किया था। बता दें कि पिछले साल वर्ष ग्वालियर (Gwalior) में आयोजित तानसेन संगीत समारोह (Tansen Sangeet Samaroh) के मौके पर मध्य प्रदेश में 1500 अधिक तबला वादकों द्वारा एक साथ तबला वादन कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रचा गया था।
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हर साल 25 दिसम्बर को तबला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। पिछले साल बना था रिकॉर्ड बता दें कि ग्वालियर महान संगीतज्ञ तानसेन की धरती है। पिछले साल तानसेन की यह नगरी तबलों की थाप से गूंज उठी थी। चार साल के नन्हे तबला वादक से लेकर बड़ी उम्र के तबला साधकों से सजा दरबार इस अर्थ में भी अनूठा था कि एक साथ प्रदेश की तीन पीढियां तबला वादन कर रही थीं। क्या कहा था सीएम ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि इस जगत के रोम-रोम में संगीत है। महार्षि पतंजलि द्वारा 5 मुख्य प्राण, 5 सहायक प्राण के साथ ही उप प्राणों का भी उल्लेख किया गया है। इसमें एक उपप्राण संवेदना (सेंसेशन) है, जो संगीत से हमें जोड़ता है। रोम-रोम से संगीत की अनुभूति और जीवंतता की पहचान होती है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा धनुधारी वीर अर्जुन को दिखाए गए विराट स्वरूप का उल्लेख करते हुए कहा कि रोम- रोम के माध्यम से जीवन की चेतना आती है।
शास्त्रीय संगीत की साधना व्यक्ति के रोम-रोम को पुल्कित करती है। भारतीय संस्कृति में शास्त्रीय वाद्यों के आधार पर प्रकृति से तालमेल बनाने की परम्परा आरंभ की गई। विश्व का कोई भी वाद्य, शास्त्रीय रचना से बाहर नहीं हो सकता, यह भारतीय शास्त्रीय संगीत की विशेषता है। भारतीय संगीत परम्परा सभी से तालमेल कर आनंद की यात्रा को आगे बढ़ाने में हमें सक्षम बनाती है। बता दें कि संस्कृति विभाग (Culture Deparment) द्वारा इस साल सभी शासकीय संगीत महाविद्यालयों एवं राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में तबला दिवस की गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इसके तहत सभी महाविद्यालय एवं राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय तबला शिविर व कार्यशालाएं 25 दिसम्बर तक आयोजित की जा रही हैं।