बघाना में निकली भागवत कथा की कलशयात्रा, पं. लोकेशकृश्ण शास्त्री के मुखारविन्द से बह रही भागवत ज्ञान गंगा।

Neemuch headlines December 14, 2024, 5:32 pm Technology

नीमच । राधाकृश्ण मंदिर समिति बघाना के तत्वावधान में 13 से 19 दिसम्बर 2024 तक संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा प्रतिदिन दोप. 1 से सायं 4 बजे तक राधाकृश्ण मंदिर, कृश्णचौक, बघाना नीमच पर आयोजित की गई है,

जिसमें कथा व्यास श्रीधाम वृन्दावन श्री नारायण गौ सेवा धाम जियागांव के पं. लोकेशकृश्ण शास्त्री अमृतमयी भागवत गंगा का श्रवण भक्तों को करा रहे हैं। उक्त जानकारी देते हुए समिति पदाधिकारियों ने बताया कि 13 दिसम्बर को भव्य कलश यात्रा राधाकृश्ण मंदिर से प्रारंभ हुई जो अहीर मोहल्ला एवं बघाना के प्रमुख मार्गों से होती हुई पुनः कथास्थल पर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। कलश यात्रा में बडी संख्या में महिलाओं ने सिर पर कलश धारण किए चल रही थीं। कलश यात्रा में पोथी शीश पर धारण करने का सौभाग्य जगदीशचन्द्र अहीर (दुल्ला पहलवान) एवं श्रीमती श्यामादेवी अहीर ने प्राप्त किया। श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस पं. लोकेशकृश्ण शास्त्री ने कहा कि श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा श्री कृष्ण के जीवन चरित्र का वांग्मय स्वरूप है यह मुक्ति का मार्ग दिखाती है। जीवन जीने की कला सिखाती है श्रीमद्भागवत ज्ञान वेदों का सार है। भागवत श्रवण से जीवित मनुष्य तो क्या प्रेतात्मा का भी कल्याण हो जाता है और मुक्ति मिलती है। संसार के सभी सुखों से महत्वपूर्ण श्रीमद् भागवत सत्संग होता है। जीवन में कष्टों के बाद ही सच्चा सुख मिलता है भगवान का सेवक बन कर रहना चाहिए।

कथा का व्यापार नहीं होना चाहिए। जिसने क्रोध को जीत लिया। संसार के प्रत्येक क्षेत्र में सफल हो सकता है। माता पिता की सेवा के बिना जीवन का कल्याण नहीं होता है। युवा वर्ग श्रीमद्भागवत को प्रेरणा मानकर माता पिता की सेवा के संस्कार को जीवन में आत्मसात करें तो उनके जीवन का कल्याण हो सकता है। श्रीमद्भागवत श्रवण करने से अनेक कष्टों का संहार होता है। मन को शांति मिलती है। तनाव दूर होता है। महाराज श्री विभिन्न विषयों के महत्व पर वर्तमान परिपेक्ष में प्रकाश डाला।

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