ग्वालियर इन दिनों साइबर ठगों के निशाने पर है, पुलिस द्वारा बार बार समझाइश देने, जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने के बावजूद लोग ठगों के जाल में फंस रहे है, खास बात ये है कि इसमें पढ़े लिखे संभ्रांत लोग अधिक है जिन्हें बड़ी ही चालाकी से साइबर ठग दूर बैठकर डिजिटल अरेस्ट कर लेता है, पिछले एक पखवाड़े में अब तक 4 ऐसे मामले आ चुके हैं जिसमें आयुर्वेद डॉक्टर, जिला मलेरिया अधिकारी, ऑटो पार्ट कारोबारी और रिटायर्ड बैंक मैनेजर को डिजिटल अरेस्ट किया गया, अच्छी बात ये है कि इसमें से तीन लोग जागरूकता के चलते किसी तरह बच गए लेकिन आयुर्वेदिक डॉक्टर 21 लाख रुपये गंवा बैठे हैं।
ग्वालियर में पिछले दो दिन में साइबर अरेस्ट के तीन मामले सामने आये, उससे पहले एक मामला 29 नवंबर का है, 29 नवम्बर को साइबर ठगों ने आयुर्वेदिक डॉक्टर मुकेश शुक्ला को तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और उनसे 21 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए, इसी तरह ठगों में 5 दिसंबर को जिला मलेरिया अधिकारी विनोद दोनेरिया को ठगने की कोशिश की उन्हें साढ़े तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा उन्हें ट्राई का भय दिखाकर ठगने की कोशिश की गई, अधिकारी ने अपने परिचित IPS को फोन लगाया और उनकी मदद से वे ठगी से बच गए। ऑटो पार्ट्स कारोबारी के व्यवहार से पड़ोसियों को हुआ शक इसी तरह गुरुवार शुक्रवार की दरमियानी रात शहर की पॉश कॉलोनी हरिशंकरपुरम के साइनी अपार्टमेंट में रहने वाले 51 साल के ऑटो पार्ट्स कारोबारी जसपाल आहूजा को डिजिटलीअरेट कर ठगने की कोशिश की गई। ठगों ने उनकी पत्नी अमरजीत कौर के फोन पर कॉल किया और ट्राई का डर दिखाकर कहा कि आपकी सिम गलत काम में पकड़ी गई है आपको गिरफ्तार किया जायेगा, साइबर ठगों ने उन्हें अरेस्ट वारंट सहित फर्जी रूप से तैयार ऐसे कई दस्तावेज दिखाए जिससे वे डर गए, और जैसा ठग कहते गए वो करते रहे, इस दौरान उन्होंने स्कूल से लौटे अपने बेटे के लिए भी दरवाजा नहीं खोला, दुकान भी नहीं गए।
जिला मलेरिया अधिकारी को 3 घंटे से ज्यादा समय तक रखा डिजिटल अरेस्ट, जागरूकता से बचे ठगी से बेटे ने परिचित IPS को लगाया फोन, आधी रात को पुलिस ने पहुंचकर ठगी से बचाया पड़ोसियों को शक हुआ तो उन्होंने उन्होंने कनाडा में रहने वाले उनके बड़े बेटे को जानकारी दी, बेटे ने रिश्तेदार को घर भेजा तो दरवाजा नहीं खुला और बाहर से वापस जाने के लिए कह दिया, इन बातों से बेटे को कुछ शक हुआ और उसने फिर अपने IPS रिश्तेदार मंजीत चावला को इंदौर फोन किया उन्होंने ग्वालियर कंट्रोल रूम को सूचना दी जिसके बाद आधी रात को बाद थाना झाँसी रोड के एएसआई और सीएसपी आहूजा के घर पहुंचे, पुलिस को दरवाजा खुलवाने में आधा घंटा लगा तब तक कारोबारी आहूजा अपनी पत्नी के साथ 16 घंटे तक ठगों के निर्देश पर डिजिटल अरेस्ट रहे गनीमत ये रही कि वे जब तक कैश ट्रांसफर कर पाते पुलिस पहुंच गई और ठगों के मनसूबे पूरे नहीं हो पाए। रिटायर्ड चीफ बैंक मैनेजर को बनाया शिकार इस घटना के अलावा कल शुक्रवार को भी एक डिजिटल अरेस्ट की घटना हुई, जनकगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले 65 साल के बुजुर्ग गणेश नारायण मिश्रा बैंक ऑफ़ बड़ौदा से चीफ मैनेजर के पद से रिटायर्ड हैं, वे थाने से कुछ कदम की दूरी पर रहते हैं कल उनके पास एक कॉल आया ,
फोन करने वाले ने उनेह ट्राई का हवाला देकर कहा कि आपके नंबर से मनीलॉन्ड्रिंग के जरिए 538 करोड़ रुपए की राशि का लेनदेन किया गया है। इतना सुनकर बुजुर्ग डर गए। पत्नी ने समझदारी दिखाकर पुलिस को लगवाया फोन, तब छूटे डिजिटल अरेस्ट से ठगों ने फिर सीबीआई, पुलिस की गिरफ़्तारी का डर दिखाकर अरेस्ट करने की धमकी दी, ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल के सामने से नहीं हटने की चेतावनी दी और कहा कि यदि ऐसा किया तो पुलिस 5 मिनट पर दरवाजे पर दिखेगी, किसी तरह बुजुर्ग की पत्नी ने रिश्तेदार के माध्यम से पुलिस को सूचना दी, जनकगंज थाना पुलिस तत्काल उनके घर पहुंची और फोन कट कर दिया, अच्छी बात ये रही कि बुजुर्ग ठगों द्वारा मांगी गई रकम उनके खाते में ट्रासफर नहीं कर पाए लेकिन 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रहने से बहुत घबरा गए।