नीमच । हर संकट का समाधान और समृद्धि का मार्ग भैरव रख महापुराण कथा है, जो जीवन को सर्वोत्तम बनाने का सुनहरा अवसर है। जीवन में हंसी-मजाक भी होना जरूरी है। अन्यथा भक्ति में आनंद नहीं आता है।
भैरव भक्ति महोत्सव में जो 9 दिनों तक भक्ति महोत्सव बताए उपाय को जीवन में आत्मसात करेंगे, तो उसका शरीर रोग और कष्टों से दूर हो जाएगा।. यह विचार राष्ट्रीय संत श्री वसंत विजय महाराज ने अखिल भारतीय बटुक भैरव भक्त मंडल शाखा नीमच के तत्वावधान में दशहरा मैदान नीमच में आयोजित 9 दिवसीय भैरव भक्ति महोत्सव में चौथे दिन सोमवार को व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मंगलवार के दिन को लेकर रोग, रूण और शत्रु मंगल से होते हैं, जो रोग, शत्रु और उधारी की समस्या पीड़ित है, वे मंगलवार को एक कागज पर अर्ज लिखकर लाए, जिसमें समस्या और अपना नाम तथा गांव का नाम लिखे, मोबाईल नंबर नहीं लिखना है। गुरूदेव ने कहा कि मैं सभी अर्जियों को लेकर मैं कृष्णागिरी लेकर जाउंगा और माँ पद्मावती को समर्पित कर दूंगा। राष्ट्र संत ने कहा कि उसके आपकी सभी समस्याओं का निदान हो जाएगा, पर शर्त यह है कि आपकी समस्यओं का निदान होते पर आप को एक बार कृष्णागिरी जरूर आना है।
गुरूदेव ने शरीर को कष्टो से मुक्त रखने का उपाय बताते हुए कहा कि प्रत्येक रविवार को नहाने से पहले एक पानी के मग्गे में थोड़ा नमक डाले और उसे शरीर पर डालकर उसे करीब 15 मिनट तक शरीर पर रगड़े, उसके बाद सादे पानी से नहाले, मात्र 4 से 5 रविवार यह उपाय करने से आपकों महसूस होने लगेगा कि आपके शारीरिक कष्ट दूर हो रहे हैं। पुरूषों से ज्यादा शक्तिशाली होती है महिलाएं- राष्ट्र संत डॉ वसंत विजय जी महाराज ने कहा कि पुरूषो से अधिक शक्तिशाली होती है महिलाए, इसका कारण बताते हुए गुरूदेव ने कहा कि महिलाएं घर में रोटी बेलना, झाडू-पोचा लगाना, कपड़े धोना आदि काम करती है, जिसके कारण उसके हाथ पैर चलते हैं और उनमें ऊर्जा उसर्जित होती है। उन्हां ने कहा कि इसका बड़ा उदाहरण शेर है, जो रहता है बहुत ताकतवर, लेकिन शेर की सवारी देवी करती है, इससे स्पष्ट है कि कौन शक्तिशाली है। गुरूदेव कहा कि महिलाएं हाथ में चुड़िया और शरीर के अन्य भाग में गहने पहनती है, तो उनकी रगड़ से भी ऊर्जा उसर्जित होती है। उन्होंने इसका उदाहरण भी महिलाओं से आपस में हाथों को रगड़ा कर दिया।
इस दौरान गुरूदेव ने हार्ट, किडनी, पीठ दर्द, कमर दर्द, लीवर आदि आदि के रोगों से मुक्त करने के उपाय बताए। गुरूदेव ने कहा कि जो भी क्रिया करें, वह खाने के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद करें। उन्होंने दिमाग तेज करने का उपाय भी बताया। बाधाओं और रोगों से मुक्त करने भस्म को किया अभिमंत्रित गुरूदेव के कहने पर सोमवार को भक्तगण भस्म की पुड़िया लेकर कथा पंडाल में पहुंचे थे। इस दौरान गुरूदेव ने मंत्रोचार कर बाधाओं और रोगों से मुक्त करने भस्म को अभिमंत्रित किया। इस दौरान भैरवनाथ के 1000 नाम लेकर भस्म को सिद्ध किया। चौथे दिन की कथा में भी भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। कथा में सुबह 10 से 2 बजे तक साधना हुई, दिन 3 बजे भैरव महापुराण कथा और शाम को भैरव अष्टकुडिय यज्ञ में विश्व कल्याण की भावना को लेकर आहुतिया दी गई। इसके साथ ही 9 दिवसीय भंडारे में प्रसादी ग्रहण करने भारी संख्या में भीड़ उमड़ रहे हैं।