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नीमच के ह्रदय स्थल दशहरा मैदान पर कल से भैरव की भक्ति का मचेगा तहलका, सभी तैयारियां पूर्ण

दशरथ माली November 14, 2024, 10:43 am Technology

भैरव अष्टमी महायज्ञ एवं साधना से जीवन को सर्वोत्तम बनाने का सुनहरा अवसर आ गया।

चीताखेड़ा। कल शुक्रवार से भैरव भक्ति के मंत्रोच्चार से गुंजेगी नीमच की धरती -आसमान और गली -गली। नीमच के ह्रदय स्थल दशहरा मैदान पर अखिल भारतीय बटुक भैरव भक्त मण्डल, कृष्णागिरी (शाखा -नीमच) एवं सामाजिक समरसता सनातन सर्वधर्म भैरव महामहोत्सव के तत्वावधान में और कृष्णागिरी पीठाधीश्वर राष्ट्रीय संत सिद्धि दैवी साधक परम पूज्य डॉ. श्री वसन्त विजय जी महाराज के पावन सानिध्य में कल दिवस 15 नवंबर से 23 नवंबर तक नौ दिवसीय भैरव भक्ति का मचेगा तहलका।

जीवन को सर्वोत्तम बनाने एवं कष्टों का हरण करने वाला महाविधान व भैरव अष्टमी महायज्ञ एवं साधना का सुनहरा अवसर आ गया है। 84 हजार वर्ग फीट भूमि पर रंगोली के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का महापर्व विश्व की सबसे विशाल प्रेरणादायक रंगोली प्रदर्शनी के साथ ही इस ऐतिहासिक महोत्सव में मुख्य रूप से भारत के महान आध्यात्मिक गुरुओं और देवनायकों के अनमोल छवियों का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि नागौर जिले के कारीगरों द्वारा बिना लोहे के उपयोग किए बांस, बल्ली एवं सरकंडा और रस्सी से निर्मित वास्तुकला और वैदिक परंपरा का यह अद्भुत संगम देखने को मिलेगा नीमच के ह्रदय स्थल दशहरा मैदान पर। नौ दिवसीय भैरव भक्ति कार्यक्रम में विशेष साधना प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक, भैरव पुराण महाकथा दोपहर 3 बजे से सायं 6 बजे तक, भैरव कष्ट हरण महायज्ञ सायं 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक, भैरव भक्तों की महाप्रसादी शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक निःशुल्क सेवाएं यज्ञ, साधना, कथा एवं भोजन प्रसादी होगी। इस ऐतिहासिक महान अद्भुत महोत्सव में 2024 प्रकार की बटुक भैरव को दिव्य मिठाइयां अर्पित की जाएगी जो विश्व में भक्ति और आराधना का अनोखा उदाहरण बनेगा। मनोकामना पूर्ण करने वाले महाविधान में जीवन को सर्वोत्तम बनाने के सुनहरे अवसर पर अष्टकुंड यज्ञ, एक कुंड में 11 पंडितों और 7 कुंडों में पांच-पांच पंडित, कुल 46 पंडितों के मुखारविंद से 9 दिन तक लगातार महामंत्रों द्वारा भैरव देव का यज्ञ करेंगे। इस ऐतिहासिक महोत्सव को लेकर नीमच की कई धार्मिक एवं सामाजिक समरसता सनातन सर्वधर्म समभाव की महान विभूतियां एवं राजनीतिक नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रुप से आयोजन को लेकर लगे हुए हैं।इस अलौकिक दिव्य यज्ञ पंडाल में कृष्णागिरी पीठाधीश्वर राष्ट्रीय संत सिद्ध देवी साधक परम पूज्य डॉ. श्री वसंत विजय जी महाराज के मुखारविंद से श्री भैरव महापुराण कथा प्रवाहित की जाएगी एवं कष्ट हरण महायज्ञ किया जाएगा।नीमच के 84 हजार वर्ग फीट ह्रदय स्थल दशहरा मैदान पर ऐतिहासिक अलौकिक दिव्य यज्ञ हवन पूजन का पंडाल निर्माण में बड़ी संख्या में कारीगर मजदूर लगे हुए हैं। जो कि इस महोत्सव हेतु यज्ञ पंडाल बनकर तैयार हो चुका है। सभी कार्यक्रमों की तैयारियां पूरी कर ली गई है। सामाजिक समरसता सनातन सर्वधर्म भैरव महामहोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने क्षेत्र की समस्त धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध किया है कि सनातन शक्ति, सनातन सिद्धि, सनातन गर्व, अखंड भारत की परिकल्पना को साकार करने इस महापर्व का हिस्सा बनने हेतु अपने परिवार और मित्रों के संघ पधारे और इस अनोखे आयोजन में शामिल होकर अपनी एकता का संदेश फैलाने में मुख्य हिस्सा बने।

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