अवैध पत्थर खनन घोटाले को लेकर CBI ने 3 राज्यों के 16 स्थानों पर की छापेमारी।

Neemuch headlines November 5, 2024, 7:56 pm Technology

झारखंड के कथित नींबू पहाड़ अवैध पत्थर खनन घोटाले से जुड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 3 राज्यों के 16 स्थानों पर छापेमारी की। इन 3 राज्यों में चुनावी राज्य झारखंड भी शामिल है। अधिकारियों ने नई दिल्ली में यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इस अवैध खनन घोटाला मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (hemant soren) के एक कथित राजनीतिक सहयोगी भी संदेह के घेरे में है।

क्या आपकी आयु 25-45 वर्ष के बीच है? मैक्स लाइफ इंश्योरेंस घर बैठे मोबाइल से कमाई करें। पता लगाओ कैसे लाइव परिणाम बी.डी. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में स्थित कुल 16 ठिकानों पर छापेमारी की। उन्होंने बताया कि संदिग्धों और उनके सहयोगियों के झारखंड के साहिबगंज स्थित 11 ठिकानों, रांची में 3 स्थानों और बिहार के पटना और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 1-1 ठिकाने पर छापेमारी की गई। झारखंड में 13 और 20 नवंबर को 2 चरणों में मतदान : झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 13 और 20 नवंबर को 2 चरणों में मतदान होगा। इस चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग) के घटकों से मुकाबला है। किसी भी समय, कहीं भी तत्काल ऋण अपने महीने के अंत में नकदी की कमी का समाधान करें... बाली इमाटमनी इंडिया सीबीआई ने करोड़ों रुपए की संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए :

अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 50 लाख रुपए नकद, 1 किलोग्राम सोना, 1 किलोग्राम चांदी के अलावा करोड़ों रुपए की संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए। सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर 23 नवंबर 2023 को मामला दर्ज किया था। सीबीआई की रांची शाखा द्वारा पिछले साल 20 नवंबर को दर्ज प्राथमिकी में सोरेन के कथित राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा, पवित्र कुमार यादव, राजेश यादव, संजय कुमार यादव, बच्चू यादव, संजय यादव और सुवेश मंडल को नामजद किया है। केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक ये आरोपी कथित तौर पर साहिबगंज के नींबू पहाड़ से पत्थर की चोरी और अवैध खनन में शामिल हैं।

झारखंड उच्च न्यायालय ने सीबीआई को साहिबगंज पुलिस द्वारा नामजद आरोपियों के आचरण के साथ ही याचिकाकर्ता बिजय हंसदा के आचरण की भी प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था जिन्होंने रिट याचिका वापस लेने का अनुरोध किया था। अदालत ने हंसदा की याचिका पर यह आदेश जारी किया जिसमें आरोप लगाया गया था कि पिछले ढाई साल से पत्थर माफिया उनके जिले के खनन अधिकारियों सहित सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन कर रहे हैं। अदालत ने याचिका पर एजेंसी को प्रारंभिक जांच (पीई) के बाद एक नियमित मामला दर्ज करने और अन्य लोक सेवकों की भूमिका की जांच करने का भी निर्देश दिया था। प्राथमिक जांच पूरी होने के बाद एजेंसी ने 8 आरोपियों के खिलाफ अवैध खनन मामले में साहिबगंज पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी की जांच अपने हाथ में ले ली थी।

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