कुकड़ेश्वर। स्थानीय ज्ञान मंदिर हाई स्कूल में शरद पूर्णिमा के अवसर पर अजमीढ जयंती भी मनाई गई नवांकुर संस्था प्रमुख भगवती प्रसाद सोनी , संस्था प्रमुख श्रीमती मंजू सोनी की उपस्थिति में मां सरस्वती अजमीढजी महाराज की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना के साथ उत्सव प्रारंभ हुआ।
इस अवसर पर श्री सोनी ने कहा कि वर्षा विगत शरद ऋतु आई लक्ष्मण देख हूं परम सुहाई वर्षा रितु के समाप्त होते ही आज से शरद ऋतु आरंभ हो जाती है पूर्णिमा के दिन रात 12:00 बजे चंद्रमा की किरणों से आसमान से अमृत रूपी किरणें बरसती हे हमारी सनातन संस्कृति की मान्यता अनुसार मंदिरों पर खीर बनाकर उस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है
भगवान को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटी जाती हे जिससे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है स्वर्णकार समाज के आराध्य देव अजमीढ जी के बारे मे बताते हुआ कहा कि राजा हस्ती के पुत्र अजमीढ जी बचपन से ही स्वर्ण कला में अपनी कलाकृति के लिए प्रसिद्ध थे उन्होंने स्वर्ण आभूषण की कई कलाकृतियां बनाकर राजा महाराजाओं को भेंट करते थे तभी से स्वर्णकार समाज स्वर्ण कला मे पारंगत हुए तब से लेकर आज तक स्वर्णकार समाज स्वर्ण आभूषण का निर्माण करते आ रहा है सभी ने मिलकर अजमीढ जी महाराज की आरती की कार्यक्रम मैं भैया बहनों के साथ श्रीमती चेतना पवार, सुधा माली, श्रीमती तुलसी मोदी ,पूजा मोदी के साथ माता बहने उपस्तिथि थी।
कार्यक्रम का संचालन तथा आभार श्रीमती मंजू सोनी द्वारा माना गया।