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किसानों के लिए खुशखबरी, मोहन कैबिनेट ने सोयाबीन उपार्जन नीति को दी मंजूरी, पंजीयन प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू

Neemuch headlines September 24, 2024, 3:51 pm Technology

भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती करने वाले सभी किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। लंबे समय से सोयाबीन की सही कीमत ना मिलने से परेशान किसानों को अब राज्य सरकार ने राहत देने का फैसला किया है।

दरअसल, सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया 25 सितंबर 2024 से शुरू होने जा रही है इससे न केवल किसानों को उनके उपज का सही दाम मिलेगा बल्कि वह आर्थिक रूप से मजबूत भी हो सकेंगे। जिला प्रभारी मंत्री चेतन कश्यप का कांग्रेस पर पलटवार, कहा - 'भाजपा सदस्यता अभियान स्वैच्छिक, हर कर्मचारी समझदार उसे क्या निर्णय लेना है' जिला प्रभारी मंत्री चेतन कश्यप का कांग्रेस पर पलटवार, कहा – ‘भाजपा सदस्यता अभियान स्वैच्छिक, हर कर्मचारी समझदार उसे क्या निर्णय लेना है’ किसानों को मिलेगी राहत राज्य में सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 25 सितंबर 2024 से शुरू होगी। प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन देश का लगभग 42 प्रतिशत है। लेकिन किसानों को लंबे समय से इसका उचित मूल्य नहीं मिल रहा था, जिससे वे आर्थिक रूप से नुकसान झेल रहे थे। अब किसानों की समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से एमएसपी (MSP) पर सोयाबीन की खरीदी की अनुमति मांगी थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।

आपको बता दें, पहली बार सोयाबीन की खरीदी के लिए भारत सरकार की ओर से 13.68 लाख मैट्रिक टन की स्वीकृति मिली है। MSP 4892 रुपए प्रति क्विंटल वित्तीय वर्ष 2024 से 2025 में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के 4600 प्रति क्विंटल से अधिक है। आपको बता दें, कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक फर्जी जानकारी वायरल हुई थी। जिसमें यह बताया गया था कि यह मूल 800 रूपये बढ़कर यानी 5692 रुपए हो गया है। लेकिन यह पूरी तरह गलत है वास्तविक समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल ही रहेगा और इसी मूल्य पर इस साल किसानों से सोयाबीन की खरीदी की जाएगी। कुल उपज का 40% MSP पर खरीद सरकार ने यह तय किया है कि एक किसान से उसकी कुल उपज का 40% तक ही सोयाबीन खरीदी जाएगी। इसका मतलब यह है कि किसान अपने अपनी उपज का एक सीमित हिस्सा ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। खरीदी प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य के हर जिले में खरीदी केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे कि किसानों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।

इसके अलावा केंद्र सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत फेयर एवरेज क्वालिटी मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। 25 सितंबर से 15 अक्टूबर तक कर सकेंगे पंजीकरण किसानों को पंजीयन तारीख का विषय ध्यान रखना होगा। सोयाबीन की खरीदी के लिए किसान 25 सितंबर 2024 से 15 अक्टूबर 2024 तक पंजीयन करा सकेंगे। इसके बाद 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक राज्यभर में खरीदी प्रक्रिया संचालित होगी। आपको बता दें, यह प्रक्रिया राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित केंद्रों पर होगी। यह नेफेड और एनसीसीएफ जैसी केंद्रीय संस्थाएं मार्कफेड के माध्यम से सोयाबीन की खरीद करेंगी, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल सुनिश्चित किया जा सके। पंजीयन करवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज सोयाबीन की एमएसपी पर खरीदी के लिए पंजीयन करवाने के लिए किसानों को कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। जिनमें आधार कार्ड और बैंक पासबुक शामिल है। पंजीयन के लिए किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या एमपी ऑनलाइन सेंटर पर जाकर प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

पंजीयन करने के दौरान आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी देना आवश्यक है। आधार नंबर दर्ज करते ही किसान के मोबाइल पर ओटीपी आएगा, जिसे दर्ज करने के बाद उनकी खेती और फसल से जुड़ी जानकारी पोर्टल पर अपडेट हो जाएगी। जिससे पूरी प्रक्रिया आसान और पारदर्शी रहेगी।

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