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श्री कृष्ण का गुणानुवाद श्रवणीय है.औऱ श्री राम का चरित्र अनुकरणीय है- भागवताचार्य कौशलेंद्र महाराज

प्रदीप जैन September 20, 2024, 7:42 pm Technology

भागवत कथा में वामन, राम और कृष्ण की लीलाओं से समझाया जीवन का रहस्य

सिंगोली। भगवान राम का जीवन अनुकरणीय है, वहीं श्रीकृष्ण का जीवन श्रवणीय है। हमें भगवान राम के दिखाए हुए आदर्शों पर चलना चाहिए। वहीं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की कथा सुनने मात्र से ही प्राणियों का कल्याण हो जाता है। सिंगोली विवेकानन्द बाजार स्थित गौतमालय भवन में तिवारी और बिल्लू परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में भावताचार्य पं. कौशलेंद्र महाराज ने चौथे दिन व्यासपीठ से कहा कि श्री कृष्ण का गुणानुवाद श्रवणीय है और श्री राम का चरित्र अनुकरणीय है।

श्रीकृष्ण की कथा को निरंतर श्रवण करते रहना चाहिए क्योंकि निरंतर कृष्ण का गुणानुवाद सुनने मात्र से यह मन श्री कृष्ण के चरण कमल में लग जाता है। भगवान श्रीराम ने जिस चरित्र का पालन किया, जिस मर्यादा का पालन किया, उनके चरित्र का, उनके द्वारा बनाई हुई मर्यादा का पालन इस मनुष्य को निरंतर करते रहना चाहिए। भगवान भक्तों के कल्याण के लिए ही कभी राम रूप में प्रकट होते हैं, कभी कृष्ण रूप में प्रकट होते हैं और पृथ्वी का भार उतार कर सुंदर लीला करके अपने दिव्य धाम को चले जाते हैं। वामन अवतार का वर्णन करते हुए शुक्रवार को पं. कौशलेंद्र महाराज ने आगे बताया कि राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगने का वचन लेकर भगवान वामन ने असुरों के आतंक से पृथ्वी को बचाया था। इसके बाद भगवान त्रेतायुग में श्रीराम के रुप में अवतरित हुए और संसार को रावण के त्रास से मुक्त किया। श्रीराम का जीवन अनुकरणीय है। हमें उनके जीवन से जीने का सही तरीका सीखना चाहिए।

भगवान ने समय-समय पर लोगों की रक्षा के लिए इस पृथ्वी पर अवतार लिया है। इसके बाद द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण धरती पर स्वयं प्रगट हुए। भगवान के गोकुल पहुंचने पर सभी नंदबाबा को बधाई देते हुए गाने लगे- नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की...। कथा में आगे उन्होंने बताया कि भगवान को जब भक्तों के ऊपर अपार कृपा करनी होती है, अपार दया करनी होती है, तब इस भूलोक पर प्रकट होकर सुंदर लीला करते हैं। भगवान के भक्त उस लीला का स्मरण करके, श्रवण करके, पालन करके अपना कल्याण कर लेते हैं। श्रीमद् भागवत मोक्षदायी कथा में आगे बताते हुए पं. कौशलेंद्र महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा ऐसा साधन है, जिससे इंसान को अनंत काल से चले आ रहे जन्म और मृत्यु के काल चक्र से मुक्ति मिल जाती है। आजकल चारों तरफ अराजकता का भाव आ गया है क्योंकि आज लोग आधुनिकता के दौड़ में लगे हुए हैं। मनुष्य को ये समझना चाहिए कि आधुनिकता के साथ आध्यात्मिकता को भी साथ रखें और भगवान की कथा को श्रवण कर उसके बताए मार्ग पर चलें।

"कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के आनंद भयों, जय कन्हैयालाल से गुंजा पण्डाल :- श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सभी ने भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया। कथा वाचक. कौशलेंद्र महाराज द्वारा नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन करने के साथ आयोजन स्थल का पूरा माहौल भी नंदोत्सव के रंग में पूरी तरह से रंग दिया गया। जिसमें नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल और हाथी घोडा पालकी जय कन्हैयालाल के उद्घोष के साथ समूचा आयोजन परिसर गूंज उठा भक्तों ने भजनों की धुनों पर मगन होकर थिरकते हुए श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद लिया। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का आनंद मनाते हुए भक्तों के बीच खूब मिठाई, टॉफीयां और एक दुसरे को बधाई दी कथा वाचक. ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह रिश्ते को निभाने के लिए अवतार लेते आये हैं। कथा के प्रारंभ में नगर परिषद के अध्यक्ष सुरेश जैन भाया जी बगड़ा, पार्षद राजेश भंडारी, सुनील सोनी, संजय सुथार,जीवन पंचोली तथा सत्यनारायण विश्नोई ने व्यास पीठ पर विराजित कौशलेंद्र जी महाराज का सिंगोली नगर की और से शाल व श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।

महाराज श्री ने सभी को उपरणा पहनाकर आशीर्वाद दिया। वरिष्ठ उद्योगपति व सामाजिक कार्यकर्ता रवीन्द्र मेहता के साथ ही धारडी के पूर्व सरपंच रमेश धाकड़, कोटा से आए डॉक्टर दुर्गा शंकर शर्मा और वेदप्रकाश तिवारी ने व्यासपीठ का पूजन कर कथा व्यास से आशीर्वाद लिया। कथा के अंत में राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण देराश्री, वरिष्ठ अभिभाषक रमेशचंद्र पंचोली, पुष्पेन्द्र बगड़ा, जितेश गुरूजी, कमलेश शर्मा और ओम व्यास मांडलगढ़ ने परिजनों के साथ भागवत जी की पूजा कर आरती की।

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