नीमच । श्रीमती पुष्पा तिलगांम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, नीमच ने तेजगति व लापरवाही पूर्वक मोटरसाईकल चलाते हुवे एक व्यक्ति की मृत्यु कारित करने वाले आरोपी अयुब शाह पिता शब्बीर शाह, उम्र-45 वर्ष, निवासी-रामपुरा को धारा 304ए भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रू. अर्थदण्ड, धारा 279 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह के सश्रम कारावास व 1000 रू. अर्थदण्ड, धारा 337 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह के सश्रम कारावास व 1000 रू. अर्थदण्ड एवं मोटरयान अधिनियम के उल्लंघन के लिए कुल 3000 रूपये अर्थदण्ड इस प्रकार कुल मिलाकर 6000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पारस मित्तल द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 10 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 18.10.2014 की हैं। घटना दिनांक को आहत रविना ने थाना नीमच सिटी पर रिपोर्ट लेख कराई की वह अपने भाई अजय की मोटरसाईकल पर पीछे बैठकर नीमच आ रही थी कि रेवली-देवली के पास सामने से मोटरसाईकल क्रमांक एमपी 44 एमडी 2617 के चालक अयुब शाह पिता शब्बीर शाह अपनी मोटरसाईकल को तेजगति व लापरवाहीपूर्वक चलाकर लाया और उसकी मोटरसाईकल को सामने से टक्कर मार दी, जिससे उसके दोनो पैर व सिर में चोट लगी व उसके भाई अजय के सिर, पैर व शरीर पर चोट लगी तथा मोटर साईकल चालक अयुब व उसके साथ बैठे अलाउद्दीन और रफीक को चोट लगी तभी चार पहिया वाहन चालक सत्यनारायण शर्मा आया और उन्हे ईलाज हेतु नीमच शासकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया। उक्त रिपोर्ट पर थाना नीमच सिटी पर आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। ईलाज के दौरान आहत अजय की दुर्घटना में आई चोटो के कारण मृत्यु हो गई। पुलिस ने अनुसंधान उपरांत भादवि की धारा 279, 337, 304ए व वाहन चालक के पास बीमा एवं ग्रईविंग लाईसेंस संबंधी दस्तावेज नहीं होने के कारण मोटरयान अधिनियम की धाराओं के साथ अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। अभियोजन की ओर से न्यायालय में घटना के चश्मदीद साक्षीगण सहित सभी आवश्यक साक्ष्य कराते हुवे अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया तथा आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 304ए भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रू. अर्थदण्ड, धारा 279 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह के सश्रम कारावास व 1000 रू. अर्थदण्ड, धारा 337 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह के सश्रम कारावास व 1000 रू. अर्थदण्ड एवं मोटरयान अधिनियम के उल्लंघन के लिए कुल 3000 रूपये अर्थदण्ड इस प्रकार कुल मिलाकर 6000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी पारस मित्तल, एडीपीओ द्वारा की गई।