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तहसीलदार मनोहर वर्मा व डॉ रमेश दक नीमच के विरूद्ध लोकायुक्त उज्जैन में प्रकरण दर्ज

Neemuch headlines August 31, 2024, 6:36 pm Technology

नीमच। विपुस्था, लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन को इस बाबत शिकायत प्राप्त हुई थी कि नीमच निवासी डॉ. रमेश दक द्वारा मंदिर की " जमीन द्वारा कर पर कब्जा कर लिया गया है। डॉ. रमेश दक भगवान श्रीराम मंदिर की जमीन पर कब्जा लिया और जमीन को समतल कर उस पर रास्ता एक भी बना लिया है।

आश्चर्य इस बात का है कि ही दिनांक को तत्का. तहसीलदार ने दो आदेश जारी डॉ. वहीं गई। के कर दिये एक आदेश में अतिक्रमण माना और रमेश दक पर 5000/- रु. जुर्माना भी लगाया। दूसरे आदेश में डॉ. दक को क्लीन चिट दे दी नीमच सिटी में स्थित श्री रामजी अवतार मंदिर पटवारी ह. सर्वे. नं 1420, 1421, 1422, 1423, 2584 2603, 2604 2605, 2619, 2620 की करीब 8.663 हैक्टे. भूमि स्थित है, इस भूमि के प्रबंधक कलेक्टर नीमच है। उक्त मंदिर के आस पास की डॉ. रमेश दक की भूमि भी लगी हुई है। मंदिर करीब एक बीघा जमीन पर डॉ. रमेश दक ने कब्जा कर लिया है। खुद की जमीन के भाव बढ़ाने के लिये मंदिर की जमीन पर कब्जा करते हुए रास्ता बना लिया है।"

उक्त शिकायत की जांच पुलिस अधीक्षक श्री अनिल विश्वकर्मा द्वारा उप पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार तालान से कराई गयी, प्रकरण की जांच पर से पाया गया कि आवेदक सुमित अहीर द्वारा नीमच महू महू रोड स्थित खसरा नं 2576, 2577, 2578, 2579, 2573, 2574, 2575 जो कि नीमच निवासी रेखा दक पति रमेश दक एवं रमेश दक पिता बसंतीलाल दक द्वारा नाले की जमीन को अपनी जमीन में मिलाने की शिकायत कलेक्टर जिला नीमच को प्रस्तुत की थी. उक्त शिकायत की जांच तहसीलदार तहसील नीमच द्वारा संपादित की गयी। प्रकरण में आरोपी तहसीलदार मनोहर वर्मा द्वारा स्थल निरीक्षण कर दिनांक 27.03.23 को पटवारी मौजा से रिपोर्ट प्राप्त कर तहसीलदार ने पटवारी रिपोर्ट के पंचनामा के अवलोकन उपरांत म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत मंदिर श्री रामावतार पर अनावेदक के विरुद्ध अर्थदण्ड राशि 5000/- आरोपित करते हुए अतिक्रमण हटाने का बेदखली आदेश जारी किया तथा शिकायतकर्ता द्वारा वर्णित बंद रास्ता खुलवाये जाने का भी लेख किया । "पुनः प्रकरण में इसी दिनांक 27.03.23 को आदेश में अंतिम पैरा में संशोधन करते हुए लेख किया कि प्रकरण में प्रस्तुत पटवारी रिपोर्ट पंचनामा के अवलोकन उपरांत मेरे द्वारा मौका स्थल निरीक्षण किया गया जिसमें मौके पर उपरोक्त वर्णित कृषि भूमि पर रास्ता मिट्टी का भराव भरकर व तीन फीट लंबे खंबे लगाना पाया गया है, परंतु मौके पर अनावेदक द्वारा उपस्थित कृषकों द्वारा बताया गया कि उक्त रास्ता अनावेदक का निजी रास्ता न होकर आम रास्ता होकर अन्य कृषकों के भी उपयोग का रास्ता है, और मौके पर बारिश का पानी रास्ते में भर जाने के कारण रास्ते में मिट्टी डाली गयी है।

परंतु मौके पर तीन फीट खंबे अनावेदक द्वारा लगवाया जाना स्वीकार किया जिस पर अनावेदक को आदेशित किया जाता है कि उक्त खंबों के द्वारा उक्त रास्ता की भूमि पर किया है उसे स्वयं के खर्च से तत्काल हटाया जावें। इस प्रकार तत्कालीन तहसीलदार नीमच श्री मनोहर वर्मा द्वारा दिनांक 27.03.23 को एक ही दिन में दो पृथक-पृथक एवं विपरीत प्रवृत्ति के आदेश किये गये। जहां एक ओर पूर्व के आदेश में अतिक्रमण मानते हुये अनावेदक डॉ. रमेश दक पर 5000 /- रू. अर्थदण्ड आरोपित करते हुये बेदखली का आदेश जारी किया है। वहीं उसी दिन दूसरे आदेश में अतिक्रमण न मानकर केवल खंबों को को स्वयं के खर्च पर हटाने का आदेश अनावेदक डॉ. रमेश दक को दिया है। इस प्रकार तत्का. तहसीलदार श्री मनोहर वर्मा द्वारा अपने पद एवं प्रास्थिति का घोर दुरूपयोग करते हुए अनावेक डॉ. रमेश दक को अवैधानिक रूप से लाभ पहुंचाया गया। अपने ही आदेश को संशोधित करने हेतु धार धारा 51 म.प्र. राजस्व संहिता के अंतर्गत तहसीलदार सक्षम नहीं थे। इस प्रकार तहसीलदार श्री मनोहर वर्मा द्वारा अपने पद एवं प्रास्थिति का दुरूपयोग करते हुए आपराधिक षड्यंत्रपूर्वक अनावेदक डॉ. रमेश दक को अनुचित लाभ पहुंचाने की दृष्टि से शासकीय एवं मंदिर भूमि पर अतिक्रमण को अतिक्रमण न मानते अतिक्रमण न हुए डॉ. रमेश दक के पक्ष में संशोधित आदेश पूर्णतः अवैध रूप से जारी किया है। इस प्रकार लोक सेवक के रूप में अपने नियंत्रणाधीन संपत्ति का किसी अन्य व्यक्ति को बेईमानी से कपटपूर्वक दुर्विनियोग करने दिया गया है। इस। प्रकार तहसीलदार श्री मनोहर वर्मा द्वारा अनावेदक प्रायवेट व्यक्ति श्री।

रमेश दक के साथ मिलकर आपराधिक कृत्य किया गया है। इस आपराधिक कृत्य हेतु 1- श्री मनोहर वर्मा तत्का. तहसीलदार नीमच वर्तमान तहसीलदार सीतामउ जिला मंदसौर एवं 2- डॉ. रमेश दक निवासी 21 विकास नगर, 14 / 03 नीमच प्रायवेट व्यक्ति एवं अन्य के विरूद्ध भ्र.नि.अधि. 1988 संशोधन 2018 की धारा 7 (ग) एवं भा.दं.सं. की धारा 120 (बी) के अंतर्गत पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया।

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