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बालसाहित्य की कार्यशाला के साथ बालसाहित्य समागम संपन्न, देशभर के बालसाहित्यकारों के साथ ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' भी सम्मानित

निर्मल मूंदड़ा August 20, 2024, 10:13 am Technology

 रतनगढ़। अणुव्रत विश्व भारती समिति राजसमंद और बच्चों की प्रसिद्ध पत्रिका- बच्चों के देश, राष्ट्रीय मासिक के रजत जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय बालसाहित्य समागम समारोह राजसमंद में समापन हुआ। जिसमें देश भर से पधारे हुए लब्धप्रतिष्ठित और ख्याति प्राप्त 130 से अधिक बालसाहित्यकारों ने भाग लिया। जिन्होंने 15 से अधिक सत्रों में 45 घंटे से अधिक की समयावधि में बाल साहित्य की दशा-दिशा और बालकों में बढ़ते हुए मोबाइल से उपजे एकांकीप्रेम, साहित्य से बढ़ती दूरी, पत्र पत्रिकाओ में रुचि के कम होने और बढ़ते हुए मोबाइल प्रेम को लेकर विचार-विमर्श और मंथन किया। बच्चों की मूलभूत प्रवृत्तियों को किस तरह विकसित किया जाए कि जिससे की उनका संपूर्ण शारीरिक, मानसिक के साथसाथ बौद्धिक विकास हो सके?

इसी पर देशभर से पधारे हुए बालसाहित्यकारों ने बच्चों के बीच रहकर इसको जानने, समझने और दूर करने का प्रयास किया। इसी कड़ी में 31 विभिन्न विद्यालयों में 16500 से अधिक बच्चों के बीच जाकर बाल साहित्यकारों ने इस प्रक्रिया को संपन्न करके जानने-समझने की कोशिश की। जिसमें उन्होंने बच्चों की स्वाभाविक प्रवृत्तियों को विकसित करने के साथ, उनकी मूल प्रवृत्तियों को विकसित करने के लिए विभिन्न गतिविधियां जैसे कहानी-कविता-एकांकी लेखन आदि विभिन्न प्रक्रिया द्वारा उनको जानने समझने और उनकी प्रवृत्तियों को विकसित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। इसी कड़ी में ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' ने राजकीय महात्मा गांधी इंग्लिश स्कूल राजनगर में 550 बच्चों से अधिक के बीच रहकर कहानी, कहानी कहने की विधि, कहानी की प्रक्रिया और कहानी लेखन के गुरु सिखाते हुए बच्चों से संवाद करते हुए उन्हें इस तरह प्रेरित किया कि वह स्वयं आकर विभिन्न तरह की कहानी सुनाने लगे। इस प्रक्रिया में उनका साथ प्रसिद्ध बाल साहित्यकार कुसुम रानी नैथानी ने भी सहभागिता कीं।

इस गतिविधि में स्कूल का समस्त शिक्षक स्टाफ और कोऑर्डिनेटर जगदीश बैरवा भी सम्मिलित रहे हैं। इस गतिविधि के अंतिम सत्र में जिसका विषय था कि एक सफल बालसाहित्यकार होने के मायने में मंचस्थ अतिथि के रूप में बोलते हुए ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एक सफल बाल साहित्यकार वही होता है जो बच्चों की मनोवृतियों को जाने, उनकी रुचि के अनुसार लिखें और उस लिखे हुए में इतनी जिज्ञासा भर दें कि जब बालपाठक एक बार रचना पढ़ने के बाद उस रचना को अंत तक पढ़ता चला जाए। वही सफल बालसाहित्यकार है। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी राजसमंद की पत्रिका 'बच्चों का देश' राष्ट्रीय बाल मासिक के रजत जयंती अवसर पर राजसमंद के चिल्ड्रन्स पीस पैलेस में आयोजित इस सम्मान कार्यक्रम के दौरान सोसायटी के अध्यक्ष अविनाश नाहर, महामंत्री भीखम सुराणा, भूतपूर्व ओएसडी तथा प्रसिद्ध साहित्यकार फारुख अफरीदी के साथ, बच्चों की पत्रिका के संपादक संचय जैन सहित अतिथियों ने प्रसिद्ध बालसाहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश' का उत्कृष्ट लेखकीय योगदान के लिए सम्मानित किया।

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