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पहली बारिश की हल्की आहट ने ही मात्र 9 माह मे ही खोल दी 28 करोड़ 40 लाख के रतनगढ़ घाट सेक्शन के घटिया निर्माण की पोल

निर्मल मूंदड़ा August 8, 2024, 7:37 am Technology

रोड के बीचो बीच कई जगहों पर पड़े बड़े-बड़े गड्डे एवं आई दरारे, तो कुछ स्थानों पर रोड़ जमीन मे नीचे धंसा

शायद किसी बडी जनहानि या घटना, दुर्घटना के इंतजार मे बैठे है। जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता।

रतनगढ़। पहली बारिश की हल्की आहट ने ही एमपीआरडीसी के द्वारा रतनगढ मे 28 करोड़ 40 लाख की लागत से बनाए घाट सेक्शन के घटिया निर्माण की पोल खोल कर रख दी है।दिनांक 30 सितम्बर 2023 को इस रोड़ का लोकार्पण किया गया था।मात्र 9 माह मे ही इस रोड़ की हालत बद से बदतर हो गई है।ना ठेकेदार, ना इंजीनियर,ना प्रशासनिक अधिकारी और ना ही राजनेता इसकी दुर्दशा पर ध्यान दे रहे है। ज्ञात रहे कि रतनगढ सिंगोली घाट सेक्शन निर्माण के दौरान भी ठेकेदार द्वारा रतनगढ के प्राचीन किले को तहस नहस कर क्षति पहुंचाने मे कोई कौर कसर बाकी नही रखी।सबसे बड़ी बात आधे अधूरे घाट सेक्शन को सभी विभागों द्वारा आंख मुंद कर एनओसी दे दी गई।किसी भी विभागीय अधिकारी द्वारा एनओसी देने के पूर्व घाट का निरिक्षण करना उचित नहीं समझा गया। जबकि आज भी बहुत सारा कार्य अधूरा है।थोड़ी सी बारिश में ही क्षेत्र के लोगों के मन में भय एवं दहशत का वातावरण उत्पन्न हो गया है।लापरवाही का आलम यह है। कि पिछले कुछ दिनों में इस संबंध में रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी ठेकेदार, एमपी आरडीसी के विभागीय अधिकारीयो सहित अनुविभागीय अधिकारी जावद एवं जिला कलेक्टर महोदय नीमच के संज्ञान में भी उक्त जनहित की गंभीर समस्या को डालने के बाद भी किसी प्रकार का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। रोड कंट्रक्शन कम्पनी के ठेकेदार की लापरवाही व प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते जगह जगह पूरी तरह से जर्जर व जानलेवा हो चुके घाट सेक्शन पर वाहन चालकों व यात्रियों के जीवन से हर पल खिलवाड़ हो रहा है।जान जोखिम में डालकर सैकड़ों वाहन चालक प्रतिदिन आवागमन कर रहे है। एमपी आरडिसी के नीमच मे पदस्थ ईंजिनियर एवं उज्जैन मे पदस्थ इंजीनियर भी आंखें मूंद कर बैठे है।कोई इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा।निश्चित रुप से कागजो मे बने ऊत्कृष्ट घाट सेक्शन निर्माण मे हुए भृष्टाचार मे विभागीय इंजिनियर एवं ठेकेदार के अनोखे गठजोड़ के चलते रोड़ निर्माण मे घटिया व अमानक स्तर का मटेरियल यूज किया गया था।अगर आज भी रोड़ की कौर कटिंग कर लैबोरेटरी से सही तरिके से जांच कराई जाए।तो सारे भृष्टाचार की पूरी तरह से पोल खुल जाएगी।रोड़ के बिच मे कई स्थानो पर बड़े -बड़े गड्डे हो गए हैं।तो कई स्थानो पर बड़ी बड़ी दरारे पड़ गई है।और रोड़ जमीन मे धंसने लग गया है।जिससे यह घाट खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है।अपनी जान झोखिम मे डालकर सैकड़ो वाहन चालक स्कूली बच्चे,एम्बुलेंस आदि प्रतिदिन दिन रात आवागमन कर रहे है।सोमवार एवं मंगलवार को पहले घाट पर ही हुई लेंड स्लाईड से पहाड़ी का एक बहुत बड़ा हिस्सा रोड़ पर आकर गिर गया।वह तो गनिमत रही कि कोई राहगीर या वाहन चालक इसकी चपैट मे नही आया। वरना बड़ा हादसा या जनहानि घटित होने से इंकार नही किया जा सकता।हालांकि पहाड़ी गिरने की जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी व थाना प्रभारी बीएस गौरे मौके पर पहुंचे और नगर परिषद के कर्मचारियों से क्षतिग्रस्त हिस्से के सामने बेरिकेड्स लगवाकर घाट सेक्शन रोड को एक तरफ से बंद करवाया।

इनका कहना :-

-- लेंड स्लाईड प्राकृतिक आपदा है।जिसके कारण पहाड़ी गिर गई हैं। कर्मचारी पहुंच गए हैं।शीघ्र दिखवा रहे हैं।एवं जहां से रोड में दरार आई है।या नीचे धंस गया है।वहां पर शीघ्र ही हमारे द्वारा नया रोड बनाया जाएगा।

-अभय सिंह-रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी ठेकेदार।

--नीमच से सिंगोली तक बनने वाले 84 करोड़ के रोड़ टेंडर के ओपन होने पर पूर्ण रिपेयरिंग की जाएगी। मनमानी एमपी आरडीसी संभागीय इंजीनियर।

-- मेने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी देकर अवगत करा दिया है।एवं जहां लैंड स्लाईड हुई है।वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से बैरिकेट्स लगाकर उधर से वाहनो का आवागमन बंद करवा दिया है।

-शत्रुघ्न चतुर्वेदी नायब तहसीलदार रतनगढ।

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