मनासा। पावन चातुर्मास में श्री रामद्वारा मनासा में विराजित युवा संत चेतन राम जी के मुखारविंद से संगीतमय शिव पुराण कथा का श्रवण कराया जा रहा हे। रामद्वारा के परिसर में कथा का वाचन करते हुवे संत श्री ने शिव महापुराण माहात्म्य के अंतर्गत कथा को सुंदर शब्दो में पिरोते हुवे बताया की शिव की भक्ति जो व्यक्ति सच्चे मन से करता है।
उसे भक्ति के साथ शक्ति प्राप्त होती हैजिससे व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा का संचार होता है। संत श्री ने बताया की "शिव पुराण" कथा के श्रवण मात्र से जीवन का कल्याण कैसे होता हे। चंचुला का उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन में कुसंगति से दूर रह कर सत्संग की संगति को अपनाना चाहिए ।
जिस तरह अच्छे आचरण वाली चंचुला अपने दुराचारी पति की संगत के कारण कुसंगती की और भटक गई थी और पापकर्म की और बड़ते हुवे घोर नारकीय जीवन जी रही थी उसका जीवन अंधकार मय हो चला था जब वह भटकते भटकते हुवे एक स्थान पर जहा कथा हो रही थी वहा उसने शिव पुराण कथा का श्रवण किया तो उसको अपने द्वारा किए बुरे व अधर्मी कार्यों पर पश्चाताप हुवा जिस इंसान को अपने किए दुष्यकार्य से पश्चाताप का अहसास होता हे वही उसका प्रायश्चित हे । पश्चाताप ही पाप करने वाले पापियों के लिए सबसे बड़ा प्रायश्चित है। साधु-संतों ने भी पश्चाताप को ही समस्त पापों का नाश करने वाला बताया है। पश्चाताप से ही पापों की शुद्धि होती है। जो पश्चाताप करता है वही समस्त भय से मुक्त होकर के निर्भय हो जाता है। और जो व्यक्ति सत्संग को अपने जीवन में अपना लेता है वह ही परम पद को प्राप्त कर सकता है। राम द्वारा में युवा संत चेतनराम जी के प्रवचनों को सुनने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में नर नारी उपस्थित होकर धर्म लाभ ले रहे हे।