नीमच ।परिवार जनों में संस्कारों की मर्यादा आजकल आधुनिक युग पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के कारण कम हो रही है। चिंतन का विषय है। पति- पत्नी में मर्यादा कम हो रही है। धार्मिक और नैतिक संस्कारों की कमी के कारण ही समाज के लड़कियां अपनी सही दिशा से भटक कर समाज से अलग दिशा की ओर चली जाती है। बालिकाओं को बचपन से ही धार्मिक नैतिक संस्कार पाठशाला में सिखाए तो कभी भी बेटियां अपनी दिशा से नहीं भटकेगी और परिवार और समाज की सुरक्षा करती रहेगी।
यह बात साध्वी सोम्यरेखा श्री जी महाराज साहब की सु शिष्या साध्वी सुचिता श्रीजी मसा ने कही। वे जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर श्री संघ के तत्वाधान वाधान में श्री महावीर जिनालय विकास नगर आराधना भवन नीमच में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि पूर्व जन्म के धार्मिक संस्कारों से ही मानव जीवन में व्यक्ति सिद्ध तत्व को प्राप्त करता है। यदि हम जीव दया का पालन करें और जीव हिंसा नहीं होने दे तो हमारी धार्मिक मर्यादा सुरक्षित रह सकती है परिवार में भाई का भाई के प्रति प्रेम नैतिक संस्कार रहना चाहिए तभी परिवार में सुख समृद्धि आ सकती है। अनिति की कमाई से पुण्य नहीं पाप बढ़ता है। इसलिए सदैव नीति और ईमानदारी से ही परिश्रम पुरुषार्थ के साथ मेहनत कर ईमानदारी से धन कमाना चाहिए। वही धन पुण्य का फल देता है। प्राचीन काल में माता बहने गृह कार्य में दक्ष होती थी आज पश्चिमी संस्कृति की आंधी दौड़ ने मातृशक्ति को शिक्षित होकर रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा प्रारंभ कर दी है जिससे संस्कार कम हो गए हैं। महिलाएं और बालिकाएं लव जिहाद का शिकार हो रही है इससे समाज की मर्यादा कम हो रही है चिंतन का विषय है। पाप का सहयोग करना भी महा पाप कहलाता है। पानी का उपयोग सावधानी पूर्वक करें तो जीव हिंसा से हम बच सकते हैं। जहां तक हो सके लाईट पंखा भी कम उपयोग करना चाहिए ताकि जीव हिंसा कम हो। इस वर्षावास में सागर समुदाय वर्तिनी सरल स्वभावी दीर्घ संयमी प.पू. शील रेखा श्री जी म.सा. की सुशिष्या प.पू. सौम्य रेखा श्री जी म सा, प.पू. सूचिता श्री जी म सा, प.पू.सत्वरेखा श्री जी म साआदि ठाणा 3 का चातुर्मासिक तपस्या उपवास जप व विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ प्रारंभ हो गया है। श्री संघ अध्यक्ष राकेश आंचलिया जैन, सचिव राजेंद्र बंबोरिया ने बताया कि प्रतिदिन 9:15 बजे चातुर्मास में विभिन्न धार्मिक विषयों पर विशेष अमृत प्रवचन श्रृंखला का आयोजन होगा । समस्त समाज जनअधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लेवें एवं जिन शासन की शोभा बढ़ावे।