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शोहदा-ए-करबला की याद में निकले ताज़िए, अकीदतमंदो ने की ज़ियारत,मांगी मन्नतें, 10 दिवसीय यादे–गम- ए–हुसैन में हुए विभिन्न आयोजन।

Neemuch headlines July 18, 2024, 6:13 pm Technology

नीमच। पैगंबर ए इस्लाम हज़रत मुहम्मद साहब की नवासे हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की याद में इस्लामी माह मुहर्रम की 1 से 10 तारीख तक याद–गमे–हुसैन मनाया जाता है। गौरतलब है की इमाम हुसैन और उनके साथियों को तीन दिन की भूख प्यास के बाद इराक स्थित करबला में यजीदी फौज ने शहीद कर दिया था। जिनके याद में 10 दिनों तक विभिन्न आयोजन होते हैं।

मुहर्रम की 10 तारीख यानी बुधवार को अलसुबह 05 बजे ताजियों का काफिला बैंड–बाजे के साथ अपने मुकाम से उठा। और नगर के मुख्य बाज़ार टैगोर मार्ग,पुस्तक बाज़ार,नया बाज़ार,घंटाघर,तिलक मार्ग आया। जहां से गश्त करते हुए छोटे–बड़े करीब 40 ताजिए पुनः दोपहर करीब 03 बजे तक अपने मुकाम पर पंहुचे। जुलूस के दौरान अखाड़े के युवा भी अपने हैरतएंगेज करतब दिखाते हुए चल रहे थे। इस दौरान मुख्तलिफ स्थानों पर सबीले लगाई गईं। जहां नागरिकों के लिए शीतल जल,शरबत इत्यादि का इंतजाम किया गया। वहीं बुधवार शाम को पुनः करीब 05 बजे सभी छोटे–बड़े ताजिए बैंड–बाजे के साथ अपने मुकाम से उठ कर टैगोर मार्ग पर आए।

जहां पर जायरीनो ने अकीदत के फूल पेश किए,और मन्नते भी मांगी और ताजियों पर लोबान भी पेश किया। वही रात करीब 10 बजे ताजिए मुख्य मार्ग से उठ कर बस स्टैंड स्तिथ पैकी वाले बाबा की दरगाह पर पंहुचे, जहां छीटा लगाया गया। इसी के साथ ही दस दिवसीय यादें –गमें–हुसैन का समापन हुआ। मोहर्रम के मौके पर दिन भर नगर के विभिन्न इलाकों में लंगर का आयोजन भी किया गया,जो दिन भर चला। इस दौरान नगर में चप्पे–चप्पे पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मुस्तैद रहें। वही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस द्वारा ड्रोन व सीसीटीवी कैमरों से भी हर एक परिस्थिति पर अपनी नज़र रखी गई।

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