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नीमच में भावसार बा स्मृति समारोह में कवियों ने बांधा समां, पुस्तक विमोचन सहित आयोजन सम्पन्न।

श्रीपाल बघेरवाल July 13, 2024, 7:34 pm Technology

नीमच। भावसार बा की कविता कि भाषा अलंकृत थी ,जबकि वे अल्प शिक्षित थे । यह बात साहित्य अकादमी द्वारा नीमच में आयोजित भावसार बा स्मृति समारोह में मालवी कवि नारायणसिंह निडर ने कही | उन्होंने कहा कि भावसार बा ने कविता लिखना 50 वर्ष की उम्र में शुरू किया | वे बडनगर में जन्मे और उज्जैन उनकी कर्मभूमि रही | उनकी दरजी की दुकान पर मालवी कवियों मोहन सोनी, शिव चौरसिया आदि का जमावड़ा लगा रहता था | वे पन्नालाल नायाब ,आनंदराव दुबे और बालकवी बैरागी की परम्परा के कवि थे | इन सब मालवी कवियों ने मालवी व मालवा को सम्मान प्रदान किया | उनका अंदाज मनमोहक था ,वे श्रोताओं अपने रंग में रंग देते थे | वे भले ही पांचवी तक पढ़े थे लेकिन उनकी रचनाएं आज विश्वविद्यालयों में पढाई जाती हैं |वे अत्यंत सरल ह्रदय थे उनका अपने समकालीन किसी भी कवि के प्रति कोई द्वेष भाव नही था | “ काम भले यूंज पण नाम चतुर्भुज “ और “मोतीराम माजना” से मंदर में अई जाजो जैसी रचनाएं बिना दीवानगी के नही लिखी जाती | साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने अपने संबोधन में मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी की योजनाओं और गतिविधियों की व्यापक चर्चा की | साथ ही लेखन के क्षेत्र में भाषा की शुचिता के महत्व को रेखांकित किया | आपने मालवी कविता के विकास में बालकवि बैरागी के योगदान को रेखांकित किया | कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुरेन्द्र सिंह शक्तावत ने मालवी कविता की समृद्ध परम्परा की चर्चा करते हुए साहित्य अकादमी को मालवी कवि भावसार बा को मालवा के अंतिम छोर नीमच में याद करने हेतु धन्यवाद दिया | कार्यक्रम का संचालन करते हुए ओमप्रकाश चौधरी ने कहा कि वे सौभाग्य शाली हैं कि उन्हें भावसार बा , सुल्तान मामा , और गिरवरसिंह भंवर जैसे तत्कालीन मालवी कवियों को सुनने का अवसर मिला | इस अवसर पर ज्ञानोदय प्रबंध संस्थान की प्राध्यापक डॉ श्रीमती रति मिश्र की पुस्तक “ मानव संसाधन पद्धति में सूचना प्रोद्योगिकी की उपादेयता “ का विमोचन डॉ.विकास दवे ने ज्ञानोदय विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. माधुरी चौरसिया की उपस्थिति में किया | नगर की अग्रणी साहित्यिक ,सांस्कृतिक ,सामाजिक संस्था कृति ने शाल श्रीफल भेंटकर निदेशक डॉ.विकास दवे का संस्था अध्यक्ष बाबूलाल गौड़ ने , सचिव महेंद्र त्रिवेदी , व पूर्व अध्यक्षों प्रकाश भट्ट, जीवन कौशिक , डॉ. माधुरी चौरसिया के साथ सम्मान किया | , नीमच जिला लेखक मंच के अध्यक्ष गुणवंत गोयल , जगमोहन कटारिया ने और अखिल भारतीय साहित्य परिषद् जिला नीमच के महासचिव अम्बिका प्रसाद जोशी द्वारा अपनी संस्थाओं की और से द्वारा अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे का स्वागत व अभिनंदन किया गया | भावसार बा स्मृति समारोह के दूसरे सत्र में आमंत्रित कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ करके श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया | सुश्री दीप शिखा रावल ने सरस्वती वंदना व वन्देमातरम पर , संदीप शौर्य ने एयर स्ट्राइक पर , धर्मेन्द्र शर्मा ‘सदा’ ने संवत्सर बदलेगा भारत की तस्वीर ,नंदकिशोर राठोर ने श्रीकृष्ण पर , कैलाश कबीर ने गाँव की जीवन शैली पर , सुरेश सन्नाटा ने गोहत्या के विरोध में और नारायण सिंह निडर ने बेमेल विवाह और जागो सूता कई जवान तथा महिपाल सिंह चौहान ने जन जागरण पर तथा गोपाल धुरंधर ने अपनी हास्य क्षणिकाओं के माध्यम से अपनी कविताओं का पाठ किया | आमंत्रित कवियों का स्वागत राजमल व्यास , रविशंकर वर्मा , हरीश मंगल , कैलाश बाहेती, दिलीप दुबे आदि ने किया | आभार कार्यक्रम संयोजक ओमप्रकाश चौधरी ने व्यक्त किया |

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