नई दिल्ली। बंबई उच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद को अदालत के अंतरिम आदेश के कथित उल्लंघन के लिए 50 लाख रुपए जमा करने का निर्देश दिया है। मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में उच्च न्यायालय ने अगस्त 2023 में एक अंतरिम आदेश में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को उसके कपूर उत्पाद बेचने से रोक दिया था न्यायमूर्ति आरआई छागला की एकल पीठ ने आठ जुलाई को कहा कि पतंजलि ने जून में दाखिल एक हलफनामे में उक्त कपूर उत्पादों की बिक्री के खिलाफ रोक के पूर्व आदेश का उल्लंघन स्वीकार किया। न्यायमूर्ति छागला ने आदेश में कहा कि प्रतिवादी संख्या एक (पतंजलि) द्वारा 30 अगस्त 2023 के आदेश का इस तरह उल्लंघन अदालत द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बाबा रामदेव को बड़ा झटका, पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित पीठ ने कहा कि आदेश के उल्लंघन / अवमानना के लिए आदेश पारित करने से पहले पतंजलि को 50 लाख रुपए जमा करने का निर्देश देना उचित होगा। आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई। उच्च न्यायालय 19 जुलाई को मामले की आगे की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया था झटका : उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी योगगुरु रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था, जिसमें यह बताया जाए कि उन 14 उत्पादों के विज्ञापन वापस लिए गए हैं या नहीं, जिनके विनिर्माण लाइसेंस शुरू में निलंबित किए गए थे और बाद में बहाल कर दिए गए। उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने 15 अप्रैल को एक आदेश जारी कर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए थे।
हालांकि पतंजलि ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने उन 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है, जिनके निर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। कंपनी ने बताया कि उसने 5 हजार 606 फ्रेंचाइजी स्टोर को इन उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है।