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आचार्य श्री जिन सुंदरसुरीजी मसा के प्रवेश में उमड़े श्रद्धालु

Neemuch headlines July 7, 2024, 7:09 pm Technology

नीमच । श्री भीड़भंजन पार्श्वनाथ मंदिर श्रीसंघ नीमच में चातुर्मास के लिए पूज्य आचार्य भगवंत श्री जिनसुंदर सुरिजी मसा एवं पूज्य आचार्य भगवंत श्री धर्मबोधी सुरीजी मसा आदि ठाणा 13 का नीमच नगर प्रवेश 7 जुलाई 2024 रविवार को सुबह हुआ। पूज्य आचार्य भगवंत के नगर प्रवेश का सामैया जुलूस 7 जुलाई रविवार को सुबह 7:45 बजे होली चौक बघाना गोदावतजी की जीन से प्रारंभ होकर रेलवे फाटक, स्टेशन रोड होकर श्री सुमतीनाथ जिनालाय जैन दादाबाड़ी पर पहुंचा। रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र में प्रवेश जुलूस सुबह 8:30 बजे तक दादावाड़ी पर पहुंचा और 8:45 बजे सामूहिक सामायिक कराई गई एवं सामायिक में ही आचार्य भगवंत के प्रवचन एवं धर्मसभा हुई।

धर्म सभा में आचार्य श्री धर्मबोधी सुरी ने कहा कि संतों का लक्ष्य संसार के सभी प्राणियों का कल्याण करना होता है। संसार के तीनो लोक में जिनवाणी सबसे महत्वपूर्ण होती है। समोसरण में मंदिर नहीं होता है क्योंकि प्राणियों का कल्याण ही प्रमुख लक्ष्य होता है। संसार में रहते हुए तपस्या कर आत्मा का कल्याण कर सकते हैं। संसार में चाहे कितने ही परेशानी आए जिनवाणी को छोड़ना नहीं चाहिए। सर्दी की ऋतु में शारीरिक बल बढ़ाया जा सकता है। गर्मी ऋतु में व्यापार व्यवसाय बढ़ाया जा सकता है। वर्षाऋतु में दिमाग को पवित्र किया जाता है। चातुर्मास इसका सशक्त माध्यम होता है। काम क्रोध माया का त्याग कर जीवन में परिवर्तन करना ही चातुर्मास का उद्देश्य होता है। आचार्य जिन सुंदर श्री जी महाराज साहब ने कहा कि परमात्मा से गुरु मिलाता है। जो चल नहीं पाता है उसे दौड़ना सिखा दे, बुराई के अंधेरे से अच्छाई के उजाले में ले जाए । निर्धन को धनवान बना दे वही सच्चा गुरु होता है। गुरु के सत्संग बिना संसार में अंधेरा होता है। चातुर्मास का समय मनुष्य के जीवन में अच्छाई का उजाला लेकर आता है।

साधु संतों की संगत से मूर्ख भी ज्ञानी बन जाते है। अहिंसा सत्य को जीवन में अपना कर अपराधी भी ज्ञान प्राप्त कर सकता है। पाप कर्मों का त्याग कर पुण्य का बैंक मजबूत करना चाहिए। संयम जीवन बिना कल्याण नहीं हो सकता है। म्यूजियम में एंटीक वस्तु केवल देखी जा सकती है लेकिन मॉल में वस्तु को खरीदी जा सकती है। मनुष्य अपने जीवन को म्यूजियम नहीं माल बनाएं। चर्तुविद संघ तीर्थ के समान होता है। गुरु के प्रवचन जीवन का का विकास करते हैं। सभा में स्वागत उद्बोधन श्रीसंघ अध्यक्ष अनिल नागौरी ने दिया। धर्मसभा के बाद कार्यक्रम में पधारे हुए महानुभावों की नवकारसी लाभार्थी श्रीसंघ द्वारा हुई। पूज्य आचार्य भगवंत ने कहा कि उनकी श्रीसंघ में सामूहिक सिद्धितप एवं अन्य तपस्याए कराने की भावना है। सामूहिक सिद्धितप जिनको भी करने की भावना हो तो उसके अभिमंत्रित पास आचार्य श्री द्वारा 7 जुलाई रविवार को रवि पुष्य मुहूर्त के दिन से पास देना प्रारंभ किए गए। भीड़भंजन श्रीसंघ में चातुर्मास करने के लिए पधार रहे दो-दो आचार्य भगवंत, पन्यास भगवंत एवं 13 साधु भगवंतों के दर्शन वंदन का लाभ नीमच वासियों को मिला सुबह 7:30 बजे होली चौक बघाना गोदावतजी की जीन पर 13 साधु भगवंतों की अगवानी की गई और उसके बाद दादावाड़ी में समूह सामायिक, प्रवचन एवं नवकारसी लाभ लिया।

सभा का संचालन श्री संघ सचिव मनीष कोठारी ने किया।

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