नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) और उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी को 25 मई को यहां एक गेम जोन में लगी भीषण आग के संबंध में शनिवार को गिरफ्तार किया गया। गेम जोन में आग लगने की घटना में बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई थी।
आग के सिलसिले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। हाईकोर्ट ने राजकोट नगर पालिका को लगाई फटकार, कहा- राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। गेम जोन में आग लगने की घटना में बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारी ने बताया कि सीएफओ इलेश खेर और डिप्टी सीएफओ भीखा थेबा के साथ-साथ टीआरपी गेम जोन में निर्माण कार्य के पर्यवेक्षक रहे महेश राठौड़ को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा, थेबा भ्रष्टाचार के एक मामले में पहले से ही जेल में हैं और उन्हें ट्रांसफर वारंट के जरिए हिरासत में लिया गया। इसके साथ हमने आग लगने के सिलसिले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि खेर पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल चार सितंबर को टीआरपी गेम जोन में वेल्डिंग कार्य के दौरान लगी इसी तरह की आग के बाद यह नहीं पूछा कि यूनिट के पास अग्नि संबंधी वैध अनापत्ति प्रमाण पत्र है या नहीं और साथ ही उचित अग्निशमन उपकरण भी हैं या नहीं।
बयान में कहा गया कि राठौड़ को अपने कर्तव्य में कथित लापरवाही और वेल्डिंग कार्य के दौरान उचित सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया। पूर्व में गिरफ्तार किए गए लोगों में नगर निगम के नगर नियोजन अधिकारी एमडी सागथिया भी शामिल हैं, जो फिलहाल निलंबित हैं। वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी आरोपी हैं, जिसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कर रहा है। इन लोगों पर गैर इरादतन हत्या, दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना, जालसाजी, आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की अब तक की जांच में पाया गया है कि गेम जोन को राजकोट नगर निगम के अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना संचालित किया जा रहा था।