नीमच। महायोगी गुरु गोरखनाथ महाराज का प्राकट्य उत्सव नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से राजस्थान मध्य प्रदेश के अजमेर कोटा उदयपुर बांसवाड़ा एवं इंदौर उज्जैन संभाग के समस्त नाथ संप्रदाय गृहस्त विरक्त एवं अनुयायियों द्वारा नीमच में मनाया गया। कार्यक्रम संरक्षक एवं आयोजक महंत लालनाथ योगी आसान दरिया नाथ सिद्ध पीठ जावद एवं महंत गोवर्धन नाथ मठाधीश सोमनाथ महादेव पुष्कर रोड अजमेर ने बताया कि गुरु गोरखनाथ जी द्वारा मानव कल्याण देश दुनिया को दी गई योग व सिद्धि मार्ग का जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस वर्ष गुरु गोरखनाथ प्राकट्य उत्सव नीमच में मनाया गया जिसके अंतर्गत रात्रि 8 से 10 बजे तक दशहरा मैदान स्थित टाउन हॉल में सिद्ध साधक प्रहलाद नाथ, रविंद्र सिद्धनाथ, मनोज सिद्धनाथ, भीम सिद्धनाथ, सीताराम नाथ सिद्ध कुकणा एवं उनकी टीम द्वारा मुंह मेंअग्नि लेने वापस हवा में उछालने तथा आग के अंगारों पर नंगे पैरों से गोरखनाथ द्वारा प्रदत्त सिद्ध विश्व प्रसिद्ध अग्नि नृत्य का प्रदर्शन किया गया इसके बाद गोरखनाथ जी की गोरक्षवाणी की संगीतमय भजनों की प्रस्तुति लादुनाथ योगी कांकरवा,सागर नाथ योगी मियाला का खेड़ा दयाल नाथ योगी भीमलत, स्टूडियो मंगलवार चौराहा आदेश म्यूजिकल ग्रुप भोपाल सागर, आदेश लाइव चैनल कांकरवा,एवं कलाकारों ने द्वारा दी गई।
इस अवसर पर लादू नाथ कांकरवा ने गणपति वंदना और राग मल्हार से कार्यक्रम का शंखनाद किया। लोक गीतों पर आधारित सेवा मारी मानो पूजा मारी मानो मेरा गुरु गोरखनाथ शंभू है में गोरख का दीवाना हूं... सहित विभिन्न भजन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम की श्रृंखला में को वात्सल्य भवन में दो निर्धन कन्याओं का निःशुल्क सामूहिक विवाह आयोजन हुआ साथ ही तुलसी विवाह के लिए गौ भक्त संत राधेश्याम सुखवाल निंबाहेड़ा द्वारा श्री राम संस्थान गौशाला एवं संस्कार आश्रम निंबाहेड़ा से गिरिराज धरण भगवान की बारात माहेश्वरी भवन के समीप श्रीमती रेखा राजेश मोहित गोयल परिवार के आवास पर विधि विधान से पूजा अर्चना एवं आरती के बाद प्रस्थान हुई जो नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई।वात्सल्य भवन तुलसी विवाह मंडप पांडाल में पहुंचकर वैवाहिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो गई। जहां विधी विधान से प. रामावतार शर्मा ,पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा, पंडित दुर्गेश शर्मा , महामृत्युंजय दास द्वारा शालिग्राम तुलसी विवाह, ग्राम दलोदा निवासी विनोद योगी संग चेची निवासी लीला योगी, एवं रेन भीलवाड़ा निवासी मदन संग सिंगोली निवासी सोनू का परिणय वैवाहिक बंधन वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ विवाह की परंपरा निर्वहन करवाया। आयोजन समिति की ओर से तुलसी सालगराम विवाह में 11हजार तथा दोनों कन्याओं को 21हजार रु. का चेक, तथा घरेलू उपयोग के बर्तन सामग्री का उपहार प्रदान किया गया। नवविवाहित दंपति बिंद बिंदनी को जीवन पर्यंत नशा मुक्ति का संकल्प भी दिलाया गया। सुबह 9 बजे शोभा यात्रा एवं कलश यात्रा टाउन हॉल से प्रारंभ हुई जो गांधी भवन, विजय टाकीज चौराहा कमल चौक, फव्वारा चौक ,नया बाजार, पुस्तक बाजार, होती हुई पुनः टाउन हॉल पहुंची जहां धर्म सभा के रूप में परिवर्तित हुई । शोभायात्रा में सबसे आगे दो युवक लाल छतरियां लिए चल रहे थे। खुली कार में एक युवक भगवान श्री कृष्ण को गोद में लिए था। संत गोरखनाथ का चित्र फूलों से श्रंगारित किया गया था। एक बग्गी में दो बिंदनीया तथा बिन्द घोड़े पर विराजित होकर चल रहे थे।अनेक जीपों व कारों में नाथ संप्रदाय के अनेक संत विराजित थे। धर्म सभा में विधायक दिलीप सिंह परिहार, राजस्थान सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीचंद कृपलानी, वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष चोपड़ा, भाजपा जिलाअध्यक्ष पवन पाटीदार, चन्द्र शेखर योगी, गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर एवं कटक उड़ीसा के योगाचार्य महंत योगी शिवनाथ जी महाराज, राज्यसभा सांसद बाल योगी उमेशनाथ जी महाराज, भर्तहरि गुफा पीठाधीश्वर महंत पीर योगी रामनाथ जी महाराज उज्जैन, धोलागढ़ पीठाधीश्वर प्रकाश नाथ जी जिला सलूंबर राजस्थान, हठयोगी सवरनाथ जी महाराज बामणी तहसील आसींद जिला भीलवाड़ा, महंत योगी प्रकाश नाथ जी मकरध्वज बालाजी धाम ब्यावर, महंत योगी कमलनाथ जी प्रोफेसर संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर आदि मंचासिन अतिथियों ने समाज के माध्यम से संत समाज को मुख्य धारा में लाने के महत्व के विषय पर प्रकाश डाला। इस दौरान तुलसी विवाह व समाज के प्रतिभावान छात्र - छात्राओं का सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर हिंगलाज माता एवं गुरु गोरखनाथ की जय घोष लगाई गई। कार्यक्रम का संचालन नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय धर्माचार्य मंहत राजनाथ योगी इंदौर ने किया तथा आभार प्रभु नाथ ने माना। इनका किया सम्मान :- नाथ संप्रदाय के महाकुंभ में श्रीमती आशा योगी यामिनी योगी, यामिनी योगी पूजा योगी, सुनिता योगी सम्मान किया गया। नशा मुक्ति का लिया सामूहिक संकल्प :- गुरु गोरखनाथ प्राकट्य उत्सव के मध्य उपस्थित साधु संतों एवं समाज जनों द्वारा समाज में व्याप्त बुराइयों को त्यागने तथा नशा मुक्ति से दूर रहने का संकल्प लिया गया।