कोचिंग नहीं जा सकेंगे 16 साल से कम के बच्चे, मध्य प्रदेश में जारी हुए आदेश

Neemuch headlines April 28, 2024, 5:32 pm Technology

भोपाल। अब कोई भी कोचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों को अपने संस्थान में नहीं पढ़ा सकेंगे। केंद्र सरकार की इस नई गाइडलाइन के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी आदेश जारी कर दिए हैं। इससे कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर रोक लगेगी। कोचिंग संस्थान भ्रामक वादे भी नहीं कर सकेंगे। खबरों के अनुसार, अब कोई भी कोचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों को अपने संस्थान में नहीं पढ़ा सकेंगे। कोचिंग संस्थान अब अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे भी नहीं कर सकेंगे। मप्र उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुतानिक कोचिंग संस्थाओं द्वारा मनमानी फीस वसूलने पर जिम्मेदार व्यक्तियों को जेल हो सकती है।

कोचिंग का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। दिशा-निर्देश में कहा गया कि कोई भी कोचिंग संस्थान स्नातक से कम योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त नहीं करेगा। सरकारी नौकरी में 50% आरक्षण महिलाओं को गारंटी हाथ बदलेगा हालात शिक्षण पद्धतियों के बारे में सरकार को मिली थी शिकायतें: ये दिशा-निर्देश विद्यार्थियों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, आग की घटनाओं, कोचिंग संस्थानों में सुविधाओं की कमी के साथ-साथ उनके द्वारा अपनाई जाने वाली शिक्षण पद्धतियों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बाद तैयार किए हैं। बीते कुछ महीनों में कोटा और अन्य शहरों की कोचिंग में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की आत्हत्या के मामले सामने आए थे, उसने पूरे देश को झकझोर दिया था। कोचिंग संस्थान किसी भी शिक्षक या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो नैतिक कदाचार से जुड़े किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। कोई भी संस्थान तब तक पंजीकृत नहीं होगा जब तक कि उ पास इन दिशानिर्देशों की आवश्यकता के अनुसार परामर्श प्रणाली न हो। मध्यदेश संजय 623-27.01.2014 नई दिल्ली । अपडेट रखनी होगी जानकारी दिशा-निर्देश में कहा गया कि कोचिंग संस्थानों की एक वेबसाइट होगी जिसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों (ट्यूटर्स) की योग्यता, पाठ्यक्रम / पाठ्य सामग्री, पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं और लिए जाने वाले शुल्क का अद्यतन विवरण होगा।

नए दिशानिर्देशों के अनुसार, विद्यार्थियों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण कोचिंग संस्थानों को उन्हें तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए और उन अनावश्यक दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी चाहिए। सेंटर को शिक्षा विभाग ने बंद कराया दिशानिर्देश में कहा गया, कोचिंग संस्थानों को संकट और तनावपूर्ण स्थितियों में छात्रों को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप के लिए एक तंत्र स्थापित करना चाहिए। सक्षम प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकता है कि कोचिंग संस्थान द्वारा एक परामर्श प्रणाली विकसित की जाए जो छात्रों और अभिभावकों के लिए आसानी से उपलब्ध हो। दिशानिर्देश में कहा गया कि विभिन्न पाठ्यक्रमों का शुल्क पारदर्शी और तार्किक होना चाहिए और वसूले जाने शुल्क की रसीद दी जानी चाहिए। इसमें साफ किया गया है कि अगर छात्र बीच में ही पाठ्यक्रम छोड़ता है तो उसकी बची हुई अवधि की फीस लौटाई जानी चाहिए।

1 लाख रुपए तक जुर्माना: नीति को सशक्त बनाते हुए केंद्र ने सुझाव दिया है कि कोचिंग संस्थानों पर दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए या अत्यधिक शुल्क वसूलने पर उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाना चाहिए। कोचिंग संस्थानों की उचित निगरानी के लिए सरकार ने दिशानिर्देश के प्रभावी होने के 3 महीने के भीतर नए और मौजूदा कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण करने का प्रस किया है।

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