अखंड सुहाग एवं खुशहाली की कामना को लेकर महिलाओं ने किया गणगौर पूजन

प्रदीप जैन April 12, 2024, 11:09 am Technology

सिंगोली। नगर में गुरूवार को महिलाओं द्वारा सनातन संस्कृति अनुसार गणगौर पर्व पारंपरिक अंदाज में मनाया गया। सुबह से ही महिलाओं ने सज-धज कर गणगौर पूजन किया। गणगौर पर्व को लेकर महिलाओं में उत्साह देखते बन रहा था। महिलाओं ने पति की लंबी आयु सुख समृद्धि के लिए ईसर-गणगौर माता बनाकर पारंपरिक वेशभूषा में पूजन किया। सिंगोली सहित अंचल में चैत्र शुक्ल तृतीया पर गणगौर पर्व पर अखंड सुहाग और इच्छित वर की कामना को लेकर महिला और नव युवतियों ने गणगौर पूजन किया। गणगौर पूजन के लिए बुधवार को ही महिलाओं ने सारी तैयारी कर ली थी।

महिलाओं ने बेसन, आटा व मैदा के मीठे गुणे बनाकर और मिट्टी से पार्वती की प्रतिमा बनाकर और रंगों से सजाकर एक दिन पहले ही तैयार कर लिया था। कई गली, मोहल्लों में मंदिरों पर गणगौर पूजन किया गया, यहां भी बारी-बारी से एक के बाद एक महिला गणगौर पूजन करती नजर आई। शाम को भी महिलाओं ने गणगौर को पानी पिलाने की रस्म निभाई। पानी पिलाने के दौरान महिलाओं ने देर रात तक पारम्परिक गीतो पर खूब नाच-गाना नहीं किया। घेवर गुणे का लगाया भोग :- पूजन करने वाली महिलाओं के घरों में गुणे, शक्कर पारे बनाए। हलवाई घेवर बनाकर जिसका गणगौर को भोग लगाया। सुहागिन महिलाएं 8 गुणे और कुंवारी कन्याओं ने 16 गुणे माता को अर्पित किए। महिलाओं ने घेवर का भोग लगाया। गणगौर पूजन के दिन पूरा माहौल गोर-गोर गोमती ईसर पूजे पार्वती जैसे लोकगीतों से गूंज उठा। अंचल में भी रही गणगौर पर्व की धूम :- पटियाल, जराड़, धोगवा, तुरकिया, धनगांव, थडोद, फुसरिया, ताल, पीपलीखेड़ा, बोहड़ा झांतला आदि कस्बों और गांवों में महिलाओं द्वारा महिलाओं का प्रिय और पसंदीदा गणगौर पर्व मनाया गया।

गणगौर के पूजा स्थल गणगौर का पीहर और विसर्जन स्थल ससुराल माना जाता है।

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