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रामपुरा नगर में शीतला सप्तमी पर्व पूर्ण श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया, इस दिन माता शीतला को बासी और ठंडा भोजन का भोग लगाया जाता है।

महावीर चौधरी March 31, 2024, 5:12 pm Technology

रामपुरा। रामपुरा नगर में शीतला सप्तमी माता जी का पवित्र पर्व नगर में बड़े ही हर्षोल्लास एवं पूर्ण उत्साह के साथ मनाया गया। जहां नगर की माता- बहनों ने 7 दिनो तक शीतला माता मंदिर पर प्रतिदिन प्रातः जल चढ़ाकर पूजा-अर्चना की थी। वही आज शीतला सप्तमी पर माताओं - बहनों ने एक दिन पूर्व प्रसाद बनाकर आज प्रातः से ही प्रसादी का भोग लगाकर पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की माता से प्रार्थना की। नगर में आज शीतला माता मंदिर पर महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। जहां पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ भजन कीर्तन कर शीतला सप्तमी मनाई गई।बताया जाता है की मां शीतला को देवी दुर्गा का स्वरूप माना जाता है हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को व्रत रखते हुए मां शीतला की पूजा करने का विधान होता है. इस दिन मां को सबसे अलग तरह का भोग अर्पित किया जाता है. इस दिन माता शीतला को बासी और ठंडा भोजन का भोग लगाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाने पर अच्छी सेहत का वरदान मिलता है। शीतला मां का स्वरूप अत्यंत ही शीतल बताया जाता है और इनका स्वरूप रोगों को हरने वाला है. इनका वाहन गधा है. इनके हाथों में कलश, सूप, झाड़ू और नीम के पत्ते रहते हैं. शीतला सप्तमी को बासोड़ा के नाम से भी प्रचलित है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भोजन पकाने के लिए आग नहीं जलाई जाती. बल्कि महिलाएं व्रत के एक दिन पहले ही भोजन बना लेती हैं और बासोड़ा वाले दिन घर के सभी सदस्य इसी बासी भोजन का सेवन करते हैं. माना जाता है शीतला माता चेचक रोग, खसरा आदि बीमारियों से बचाती हैं. मान्यता है, शीतला मां का पूजन करने से चेचक, खसरा, बड़ी माता, छोटी माता जैसी बीमारियां नहीं होती और अगर हो भी जाए तो उससे जल्द छुटकारा मील जाता है। वहीं इस अवसर पर नगर परिषद रामपुरा द्वारा आकर्षक साज् - सज्जा एवं जल व्यवस्था की गई। वहीं पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह तैनात रहा।

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