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मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज का नगर में हुआ भव्य मंगल प्रवेश, गुरूदेव के सानिध्य मे हुआ संगीतमय श्री पार्श्वनाथ मण्डल विधान।

प्रदीप जैन March 26, 2024, 4:40 pm Technology

 सिंगोली। नगर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से शिक्षित व वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज का 26 मार्च मंगलवार को प्रातः काल नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ नगर प्रवेश के दोरान मुनिश्री का समाजजनो ने जगह जगह प्राद प्रक्षालन कर आरती उतारी। मुनिश्री ढोल ढमाको के साथ नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जी पहुंचे जहा पर मुनिश्री के सानिध्य में ठोला परिवार द्वारा आयोजित भव्य संगीतमय श्री पार्श्वनाथ मण्डल विधान किया गया जिसमें मुनिश्री ने आशीर्वाद प्रदान किया वही आचार्य श्री का चित्र अनावरण प्राद प्रक्षालन व मुनिश्री को शास्त्र भेट करने का सौभाग्य समाजजनों को मिला उसके बाद मुनिश्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भव्य जीव के पुण्य योग से साधुओं के दर्शन होते है और स्वयं के नगर में हो जाए तो महापुण्योदय है गुरूदेव ने कहा की वर्षावास के पश्चात से आपके मेवाड़ प्रान्त में भ्रमण कर रहे है फिर भी आधा ही हो पाया है।गुरूदेव ने कहा की जीवन में साधु संगति एक क्षण के लिए भी मिले वह आत्मा कल्याण का कारण है।आपको लगातार एक वर्ष से किसी न किसी साधु कि संगति मिल रही है वैसे तो साधु और पानी का स्वभाव चलते रहना है यदी पानी एक स्थान पर रुक जाए तो सड़ जाता है ओर साधु एक स्थान पर रुक जाए तो उसके चारित्र में दोष उत्पन्न हो जाता है बहता पानी रमता जोगी ही प्यास को बुझा सकता है बहता पानी निर्मल होने से प्यास बुझाता है और चलता फिरता योगी आत्मा की प्यास बुझाता है। समाज के पारस जैन ने बताया कि मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज का 2024 का भव्य चातुर्मास सिंगोली नगर में हुआ था चातुर्मास सम्पन्न होने के बाद मुनिश्री आसपास के नगर व गांवों में धर्म प्रभावना करते हुए अल्प प्रवास पर नगर मे पधारे जहा पर समाजजनों द्वारा मुनिश्री कि भव्य मंगल अगवानी कि इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।

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