नीमच । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार 24 फरवरी को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशांत हुद्दार के मार्गदर्शन में ‘‘समाधान आपके द्वार योजना’’ तहत लोक अदालतएवंशिविर का आयोजित किया जा रहा है।
इस संबंध में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विजय कुमार सोनकर की विशेष उपस्थिति में कलेक्टर दिनेश जैन की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में शुक्रवार को समाधान आपके द्वार योजनांतर्गत उक्त तिथि पर आयोजित शिविर में राजस्व, पुलिस, वन, विद्युत एवं नगरीय निकाय विभाग के शमनीय आपराधिक मामलों, न्यायालयों में प्रचलित राजीनामा योग्य मामलों तथा प्री-लिटिगेशन मामलों का सौहार्दपूर्ण वातावरण में आपसी समझौते से निराकरण करने के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में एडीएम सुश्री नेहा मीना, सीएसपी नीमच अभिषेक रंजन (आईपीएस), डीएफओ एसके अटोदे व जिला अधिकारी व उपखण्ड स्तरीय उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि विभागवार प्रकरणों की प्रकृति में राजस्व विभाग के प्रकरण जैसे फसल हानि के लिये आर्थिक सहायता, कुएं या नलकूप के नष्ट होने पर दी जाने वाली सहायता, बंटवार आदेश के पश्चात नक्शों में बटांकन, तरमीम तथा तरमीम पश्चात अक्स नक्शा, भूमि का सीमांकन करना, सीमांकन विवादों का निपटारा, नामांतरण के मामलों के विवाद की दशा में सुलह, समझाईश से विवाद का निपटारा किया जावेगा।
बंटवारा, उत्तराधिकार, अतिक्रमण प्रकरण, रास्ते, जल निकासी व जल स्त्रोत के उपयोग से संबंधित प्रकरणों का भी शामिल किया जा सकेगा। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री विजय कुमार सोनकर ने बताया कि समाधान आपके व्दार योजना के तहत पुलिस विभाग के प्रकरण जैसे दण्ड प्रक्रिया संहिता (1860 का 45) की धाराओ के अधीन राजीनामा योग्य दण्डनीय अपराधों का शमन, धारा 320 (2) द.प्र.सं. से संबंधित राजीनामा योग्य प्रकरण, अन्य दाण्डिक अधिनियमतियों यथा- सूचना प्रौद्यौगिकी अधिनियम, 2000, मोटर यान अधिनियम 1988, परकाम्य लिखत अधिनियम 1881, म.प्र. आबकारी अधिनियम 1915, लोक शांति भंग के मामले, साधारण मारपीट आदि से संबंधित राजीनामा योग्य प्रकरणों का भी निराकरण किया जावेगा।
वन विभाग के प्रकरण में वे मामले, जिनका शमन भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 68 के अंतर्गत आते है। विद्युत विभाग के प्रकरण में विद्युत विभाग की सेवाओं यथा-कनेक्शन, मीटर बंद यो तेज चलने की शिकायत, बिल राशि राशि की वसूली व किश्त सुविधा आदि से संबंधित मामले, विद्युत चोरी या अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों से संबंधित मामले। नगरीय निकाय विभाग के प्रकरण में नगरीय निकाय से संबंधित सेवाओं जैसे-जलकर, संपत्तिकर, उपभोक्ता प्रभार एवं अन्य करों से संबंधित बकाया वसूली के प्रकरण। इसी प्रकार अन्य प्रकरण दिवानी प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय से संबंधित प्रकरण, प्री-लिटिगेशन के माध्यम से ऐसे शमनीय प्रकरण, जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुये है।, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, गैस कनेक्शन, सी.एम, हेल्पलाईन, समग्र आई.डी. आदि के प्रकरण, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22- बी में उल्लिखित जनउपयोगी सेवाओं के प्रकरणों का भी समाधान किया जावेगा।
बैठक में बताया गया , कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए टीमों का गठन किया गया हैं। जिसमें लेबल वन में बीट गार्ड, आरक्षक प्रधान आरक्षक, पटवारी, कोटवार लाइनमैन पीएलवी एवं लेबल टू में ग्राम न्यायाधिकारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी, उपखंड अधिकारी, कनिष्ठ यंत्री विद्युत, थाना प्रभारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी की दो टीम समस्त विभागों के समन्वय से बनाई गई है, जो मामलों के निराकरण के लिए कार्य करेंगी तथा समीक्षा के लिए लेबल 3 की टीम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला अभियोजन अधिकारी का गठन किया गया है। ऐसे प्रकरणों का होगा निराकरण - आम जन को विभागों से होने वाली समस्याओं सहित न्याय पालिका, राजस्व पुलिस, वन, विद्युत एवं नगरपालिका के राजीनामा योग्य लंबित प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। इस योजना के तहत भी निःशुल्क अधिवक्ता की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। वहीं विभागों में आपसी समन्वय के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका रहेगी एवं उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशकी अध्यक्षता में गठित लेबल 3 की कमेटी द्वारा की जाएगी। अन्य विभागों से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए कोई भी व्यक्ति अपने मोबाईल या कम्पयूटर के माध्यम से MPSLSA की वेबसाइट (www.mpslsa.gov.in) पर जाकर (समाधान आपके द्वार) नामक कॉलम पर क्लिक करके मांगी गई जानकारी भरकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है।
बैठक में कलेक्टर दिनेश जैन ने निर्देश दिए कि कि समाधान आपके व्दार योजना के तहत कलस्टर स्तर पर शिविर आयोजित कर सभी विभाग के अधिकारी पक्षकारों से सम्पर्क समन्वय कर , अपने विभाग से संबंधित अधिकाधिक प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करें। निराकृत प्रकरणों की संख्यात्मक जानकारी एवं प्रगति रिपोर्ट 18 फरवरी तक कलेक्टर कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाए।