नीमच । कलेक्टर दिनेश जैन ने बुधवार को आयुष भवन नीमच में म.प्र.राज्य औषधीय पादप बोर्ड के तत्ववधान में आयुष विभाग द्वारा अश्वगंधा, शतावरी, ओर तुलसी की खेती को प्रोत्साहित करने के उददेश्य से आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा, कि औषधीय फसलों की खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
उन्होने कहा, कि नीमच में कृषि विज्ञान केन्द्र होने से समय समय पर कृषको खेती संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि औषधीय फसलों के बारे में तकनीकी जानकारी का कार्यशाला के माध्यम से आदान प्रदान किया जा सकता है। कलेक्टर जैन ने कहा कि नीमच जिले के कृषक काफी प्रगतिशील है। नवाचार कर विभिन्न प्रकार की औषधीय उत्पादन करते है। यही प्रयास नीमच जिले को औषधीय उत्पादन में प्रदेश में अपनी पहचान बनाने में सफल बना सकता है। हामाखेडी के कृषक चन्द्रप्रकाश धनगर ने अश्वगंध की खेती के बारे में विस्तार से अनुभव सांझा किये । ग्राम मुकेरा (सिंगोली) की अंजनाबाई सत्संगी ने भी लहसुन की खेती पर अपना अनुभव सांझा किया । कार्यक्रम में जिला आयुष अधिकारी डॉ.आशीष बोरना, ने कार्यशाला आयोजन के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला । कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक डॉ.सीपी पचौरी, डॉ.पीएस नरूका ,डॉ.श्यामसिंह सांरगदेवोत , डॉ.शिल्पी वर्मा, एवं डॉ. जेपीसिह ने किसानों को अश्वगंधा, शतावरी, एवं तुलसी की खेती के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में जिले के औषधीय फसलों की खेती करने वाले प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे। प्रारम्भ में कलेक्टर श्री दिनेश जैन ने भगवान श्री धनवंतरी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया। जिला आयुष अधिकारी डॉ.बोरना एवं कृषि वैज्ञानिको ने तुलसी का पौधा भेंट कर कलेक्टर का स्वागत किया। अंत में आभार डॉ.बोरना ने व्यक्त किया।