भोपाल। पीढ़ी परिवर्तन के साथ-साथ क्या भाजपा की प्रदेश की राजनीति ने भी यू-टर्न ले लिया है लिया है यह सवाल? और जज्बा एक साथ सामने आया है। नई सरकार ने शपथ लेते ही जो पहले आदेश जारी किया वह अब तक की मध्यप्रदेश की राजनीति की ठंडी तासीर के ठीक प्रतिकूल है। आदेश गरम' है। और 'बाबा योगी' के बगल में चल रहे हैं। तो क्या मध्यप्रदेश के योगी डॉक्टर मोहन यादव होंगे? अवंतिका नाथ की न नगरी के डॉक्टर यादव ने इसके संकेत भी दे दिए कि वह ही एमपी के नए योगी हैं। पहले आदेश ही उन लाउडस्पीकर के विषय में आया जो मंदिरों गुरुद्वारों में तो काम मस्जिदों में बेशुमार लगे हुए हैं। आदेश भी यूपी के तर्ज पर तैयार हुआ है। राजनीति के जानकारी इस फैसले को सनातन से जोड़ रहे हैं। दूसरा आदेश भी इसे ही जुड़ा है। इसमें अब मध्य प्रदेश मैं खुले में मांस, मछली बेचना अपराध होगा। इस फैसले ने भाजपा की झोली लबालब भरने वालों को खुश कर दिया है। और भाजपा को एक-एक वोट के लिए तरसा देने वालों को निराश। मध्य प्रदेश में भी अब बगल के यूपी जैसा योगीराज कायम होने जा रहा है। इसके संकेत प्रदेश में 20 वे मुख्यमंत्री की शपथ के साथ ही मिल गए प्रदेश के नूतन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शपथ के तुरंत बाद इसका लिखित इशारा भी कर दिया। डॉक्टर मोहन यादव सरकार का जो पहले आदेश जारी हुआ वह साफ बता रहा है। कि भाजपा में हुए पीढ़ी परिवर्तन के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति में भी यू-टर्न लिया है। अब उन मुद्दों पर भी सरकार काम करेगी जो विदा हुई कूल सरकार की प्राथमिकता में नहीं थे। सरकार का पहला आदेश उन लाउडस्पीकर के संबंध में आया जो मंदिर मस्जिदों पर लगे हैं। इनसे होने वाले शोर को मानक स्तर पर ही रखने वाला यह आदेश उत्तर प्रदेश के तर्ज पर दिया गया। बाकायदा इसके लिए मध्यप्रदेश के अफसर को सरकार की तरफ से ताकिद मिली कि यूपी के अफसर से बात कर वहां के कानून समझे और यहां के लिए विस्तृत तैयार करें अफसर ने ताबड़तोड़ यह एक्सरसाइज की और जब तक नए मुख्यमंत्री शपथ के बाद हस्ताक्षर पर निपटे नया आदेश उनके समक्ष टेबल पर पहुंच गया। अब मध्य प्रदेश में भी धर्म स्थलों पर लगे ध्वनि विस्तारक यंत्र यानी लाउडस्पीकर के मामले में वही नियम कार्य लागू होंगे जो योगी बाबा की यूपी में सख्ती के साथ चल रहे हैं। यानी अब राज्य में भी योगीराज का आगमन हो गया है। विकास के साथ अब हिंदुत्व और सनातन के मुद्दे पर र भी प्राथमिकता में रहन रहना है। अखाड़े, कुश्ती और शास्त्र कला से जुड़े प्रदेश के नए मुख्यमंत्री स्तारक डॉक्टर मोहन यादव अब मध्यप्रदेश के बाबा योगी होगे मुख्यमंत्री की भावना और तेवर के साथ उनके पहले आदेश ने ही बता दिया। कि यह बदली हुई भाजपा है नई भी और नूतन भी तरुण भाजपा महाकाल बाबा के प्रांगण से दौड़ लगाते मोहन पहलवान को देख यह लग भी रहा है कि वाकई भाजपा पीढ़ी परिवर्तन कर गुजरी नए मुख्यमंत्री पहले ही दिन से बेहद और विश्वास में नजर आ रहे हैं। वे हर मंच पर सहज ही नजर आ रहे हैं। यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने में भी वो आत्मविश्वास से लबरेज और शहाज ही नजर आए। अन्यथा ऐसे अवसरों प्रदेश एक दशक से मामा की अशहजता देखता आ रहा है। की वे किस तरह पंतप्रधान के समक्ष छुई मुई से हो जाते थे। बालमना हो जाते थे। यह उनके संस्कार ही थे कि जब- जब को अपने से बड़े से मिले मंच साझा किया वे विनरमता की मूरत हो जाते है। यही उनका मूल स्वभाव भी था लेकिन कल प्रदेश और भाजपा ने भी नए मुख्यमंत्री का एक अलग ही स्वरूप देखा जो एक नए ही जज्बे से भरे थे पीएम के साथ खड़े रहने, बैठने, और साथ चलने में भी एक अलग-अलग ही आत्मविश्वास नजर आया। आये भी क्यों नही? - वे किरदार ही मोदी के ऑपरेशन कायाकल्प के हैं। अपनी पीठ के पीछे मोदी के खड़ा होने का ही परिणाम है। सरकार का पहला आदेश अब इस आदेश के तहत धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकर तै मनक से से ज्यादा आवाज में नहीं चलाया जा सकेंगे। जहा ऐसा होगा वहां से लाउडस्पीकर जप्त कर लिए जाएंगे। एक अन्य आदेश भी सनातन की छाया से और ओतप्रोत निकाला गया। जिसके तहत अब खुले में मांसाहार बेचना प्रबंध किया गया है। यानी अब मांस मछली की दुकाने सड़क चलते नजर नहीं आएगी। आदेश में अभी यह स्वट नहीं है। कि अंडे इस डे के ठेलो का क्या होगा। यानी क्या अंडा भी खुले में बेचने पर रोक रहेगी अब तक इस प्रकार के आदेश धर्म नगरियों के लिए ही रहा करते आए हैं। अब यह पूरे प्रदेश में लागू किए गए हैं। यह फैसला भी बाबा योगी की भगवा सरकार की तर्ज पर लिया गया है। क्योंकि नए मुख्यमंत्री ज्योतिर्लिंग उज्जैनी से है। लिहाजा इन आदेशों का अनुपालन सख्ती के साथ होना चाहिए। लाउडस्पीकर मामले में जरूर शुरुआती उलझन आना है। कि डेसीबल की जांच के लिए क्या थानो की पुलिस दक्ष है? यूपी में तो योगी सरकार ने इन दोनों मंदिर मस्जिद से बेफिजूल लाउडस्पीकर उतरना भी शुरू कर दिए हैं।