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बेमौसम बारिश ने बिगाड़ी बाजारों एवं शादी ब्याह की रंगत, दूसरे दिन भी मौसम रहा बकरार, बादलों ने आसमान पर डाला डेरा, दोपहर में छाया अंधेरा, फसलों को होगा फायदा

Neemuch headlines November 27, 2023, 5:17 pm Technology

चीताखेड़ा । पश्चिमी विक्षोप के प्रभाव से रविवार को अंचल भर में प्रातः से ही आसान में बादलों ने डेरा जमा लिया था। दोपहर होते-होते को अचानक ऐसा जमघट लगाया कि भरी दोपहरी में ही रात जैसा नजारा दिखने लगा अंधेरा छा जाने के कारण टू-व्हीलर एवं फोर व्हिलर वाहन चालकों को वाहनों की लाइटें चालू करके सफर करना पड़ा। वहीं तेज बारिश के साथ रुक रुक कर कभी तेज बारिश तो कभी रिमझिम बारिश देर रात तक चलती रही। जिससे सड़के टर-भातर हो गई वहीं बारिश के कारण ठंड बढ़ गई। देवउठनी ग्यारस से शादी -विवाह का दौर भी शुरू हो गया और बै मौसम बारिश ने शादी ब्याह का उत्साह सारा किरकिरा कर दिया।

पश्चिमी विक्षोप के प्रभाव से रविवार को प्रातः से ही आसमान में बादलों ने अपना डेरा जमा लिया था जो दिन भर गरज के साथ हल्की तो कहीं झमाझम बारिश का दौर चलाया रहा जो निरंतर देर रात तक चलता रहा। सोमवार को भी मौसम का मिजाज अल सुबह से ही बकरार रहा जो 10 बजे से रिमझिम बारिश शुरू हो गई। बेमौसम बारिश ने बिगाड़ी बाजारों की रंगत तो वहीं वर्तमान में चल रहे शादी ब्याह में यकायक बारिश ने खलल डाल दी। जिससे सारा उत्साह पर पानी फेर दिया, वहीं सारी व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त हो गई। इस मावठे के कारण कई छोटे बच्चे एवं बुजुर्ग बीमार हो जाएंगे। वहीं किसानों के खेतों में खड़ी रबी की सरसों, चना, इसबगोल, गेंहू, मसूर, मेथी, लहसुन फसलों के लिए बेमौसम बारिंश लाभदायक है तो वहीं बेशकीमती अफीम की फसल के लिए यह बारिश का पानी जहर के समान है।

इस बारिश से अफीम के पौधों में रोग बिमारी पैदा होगी। सोमवार को भी आसमान में डेरा डालें काली घटाओं के कारण दोपहर 12:00 बजे भी देर शाम जैसा अंधेरा रहा। वही ठंडी हवाओं का जोर ज्यादा होने और बे समय अंधियारा छा जाने से बाजारों में ग्राहकी नहीं के बराबर दिखाई दे रही थी। फसलों के लिए बरसा अमृत, किसानों के खिल उठे चेहरे। सोमवार को सुबह से शाम तक दिन भर आसमान में काली घटाएं उमड घुमड़ करती रही, और दिन भर रुक-रुक कर बूंदाबांदी चलती रही। वहीं ठंड बढ़ने से लोग होटल में चाय की चुस्की लेते हुए नजर आए। क्षेत्र के घसुंडी जागीर, अमावली जागीर, हरनावदा, बमोरा, कराडिया महाराज, राबडिया, ग्वाल देवियां, सोनियाना, धामनिया, झंझारवाड़ा आदि ग्रामीण क्षेत्रों मावठे की बारिश हुई। यह बारिश रबी की फसलों के लिए अमृत के समान है। नायनखेडी के कृषक जगदीश चंद पाटीदार, कराडिया महाराज के कृषक दौलत राम पाटीदार ने बताया कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में मावठा होने से ठंडक बढ़ेगी जिससे फसलों में ग्रोथ बढ़ेगा। बारिश से फसलों को अधिक फायदा होगा, तो वहीं असिंचित भूमि पर बोई गई फसल चना, इसबगोल आदि रबी की फसलों में पैदावारी अच्छी होगी, लंबे समय तक खेतों में नमी बनी रहेगी। वहीं सिंचाई के विद्युत पंप बंद रहने से जमीन के जल स्तर में काफी सुधार होगा। चीताखेड़ा के अफीम मुखिया अशोक सोलंकी का कहना है कि मावठे की बारिश से अफीम फसलों में बिमारियां पैदा होगी और बचाव हेतु दवाईयों का आर्थिक बोझ किसानों की जेब पर बढ़ेगा।

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