नीमच :- जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. चंद्रेश मुनि जी महाराज साहब अभिजीत मुनि महाराज साहब अरिहंत मुनि जी महाराज साहब साध्वी डॉक्टर विजया श्री जी महाराज साहब के सानिध्य एवं श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी जैन नवयुवक मण्डल के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन पर दिवाकर जयंती के उपलक्ष्य में रोगियों को स्वस्थ करने तथा घायलों की प्राणों की रक्षा के उद्देश्य से श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन नवयुवक मंडल नीमच के अध्यक्ष संजय डांगी, उपाध्यक्ष रविंद्र वीरवाल जैन, सचिव विनय जैन कोषाध्यक्ष प्रशांत बाफना, सह सचिव नीतेश मोगरा ने बताया कि 26 नवंबर रविवार सुबह 11 बजे से 3 बजे तक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विधायक दिलीप ।
सिंह परिहार, ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक चिकित्सा सेवा का प्रकल्प पहुंचना चाहिए चिकित्सालय में घायल और रोगी को जीवन दान देने के लिए रक्तदान महादान होता है । रक्तदान से प्रेरणा लेकर युवा वर्ग पीड़ित मानवता की सेवा में सजग भूमिका निभाए तो यह समाज और राष्ट्र तेजी से विकसित हो सकता है । समाजसेवी संतोष चोपड़ा ने कहा कि रक्तदान के क्षेत्र में नीमच जिले ने रिकॉर्ड बनाया है दिवाकर जयंती महापुरुषों की जयंती पर युवाओं ने रक्तदान का अभिनव सेवा प्रकल्प को पूरा किया है। समाज उनकी सेवा को प्रोत्साहन प्रदान करता है। नगर पालिका अध्यक्ष स्वाती गौरव चोपड़ा ने कहा कि रक्तदान जीवनदान है यह अभियान जन-जन का अभियान बनना चाहिए। डॉक्टर एलबीएस चौधरी, डॉक्टर बी. एल. बोरीवाल, सागरमल सहलोत , चातुर्मास समिति संयोजक बलवंतसिंह मेहता, मनोहरलाल शंभू बम, पूरणमल कोठारी, भंवरलाल देश लहरा, निर्मल कुमार पितलिया, सहित अतिथि उपस्थित थे। इस अवसर पर विनय जैन, विभोर पितलिया, निलेश मोगरा, महेंद्र वीरवाल, सचिन मोगरा सुनील सहलोत, शोभाराम वीरवाल, सपना मनिष पोरवाल नवकार, श्रीमती रानी राणा, आशा सांभर, सुलेखा कुमठ, अवंती चौधरी, पूनम चौधरी, कोमल विनय भामावत सहित अनेक समाज जन उपस्थित थे। गुरु चौथमल जी महाराज साहब जैन दिवाकर के 146वें जयंती के पावन उपलक्ष में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया । जिसमें दोपहर 3 बजे तक 50 यूनिट रक्तदान हो चुका था। रक्तदान शिविर निरंतर जारी था। इस अवसर पर रक्त बैंक रेड क्रॉस सोसाइटी के सत्येंद्र सिंह राठौड़ पतलासी, ईश्वर सिंह शिशिर गायकवाड, मुकेश शर्मा एवं नर्सिंग के 16 से अधिक प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं ने अपनी सेवाएं प्रदान की।