चुनावी चौसर पर चल रहे सभी उम्मीदवार अपने अपने दावं।
सिंगोली। मध्यप्रदेश की सबसे हाॅट सीट जावद मे त्रिकोणीय मुकाबले पर पुरे प्रदेश की निगाह टिकी हुई है। इस बार का चुनाव बहुत रोचक होकर भाजपा इस सीट को लगातार पांचवी बार भी बरकरार रखने के लिए बेकरार हे तो कांग्रेस भी पिछले चार चुनाव के सुखे को मिटाने के लिए बेचेन हो रही हे वही इन दोनो दलो का गणित बिगाड़ने के लिए निर्दलीय पूरण अहीर पुरे दमखम के साथ मैदान मे हे। त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण चुनाव जबरदस्त तरीके से रोचक बन गया तीनो ही उम्मीदवार चुनावी चौसर पर अपने अपने हिसाब से दावं चलते हुए माहौल को अपनी ओर मोड़ने मे कोई कसर नही छोड रहे है। चुनाव प्रचार के लिए भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आमसभा कर चुके है तो कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ओर पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सभाएं हो चुकी है इधर निर्दलीय पूरण अहीर अपने युवा कार्यकर्ताओ की फौज के साथ गांव गांव जन सम्पर्क कर माहौल बनाने का काम कर रहे है। कुल मिलाकर जावद सीट पर मुकाबला जबरदस्त बना हुआ है। भाजपा के उम्मीदवार ओमप्रकाश सकलेचा पूर्व मुख्यमंत्री विरेन्द्र कुमार सकलेचा के पुत्र होकर खुद शिवराज सिंह सरकार के टाॅप टेन मंत्रीयो मे से एक प्रभावी मंत्री होकर लगातार चार चुनाव जावद से जीतते आ रहे है और इस बार भी क्षैत्र मे अपने प्रयासो से कराये करोड़ो रूपए के विकास ओर प्रदेश तथा केंद्र सरकार की जन कल्याण कारी योजनाओ के आधार पर पांचवी बार भी जीत के प्रति पुरी तरह आश्वस्त है तो कांग्रेस ने इस बार स्थानीय उम्मीदवारो को दरकिनार करते हुए इन्दौर के बड़े कारोबारी समंदर पटेल जो हालंही मे भाजपा से कांग्रेस मे आए को मैदान मे उतारकर पिछले चार चुनाव के सुखे को खतम करने का प्रयास किया जो काफी हद तक सफल भी होता दिख रहा है। तथा बड़े कारोबारी के कारण भाजपा को कड़ी चुनौती देने मे कांग्रेस सफल जरूर हुई हे। परन्तु भाजपा ओर कांग्रेस का खेल निर्दलीय पूरण अहीर अपने दम पर बिगाड कर रखे हुए हे हालंकी जावद क्षैत्र भाजपा का गढ़ होने के कारण हर चुनाव मे विपरीत हालातो के होते हुए भी सीट भाजपा के खाते मे जाती रही है। वर्तमान हालातो को देखते हुए इस बार भी परिणाम वही रहते दिखाई दे रहे है। क्योंकि जब जब भाजपा पर संकट आता हे उसके नए ओर पुराने सभी कार्यकर्ता जी जान से जुटकर भाजपा को विजयी बना देते है। इस बार भी वही होता दिख रहा है। कांग्रेस ने स्थानीय नेताओ को नजरअंदाज कर बाहरी बड़े कारोबारी को उतारकर स्थानीय नेताओ की राजनैतिक हत्या कर दी जिसका खामियाज़ा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता हे? कांग्रेस के बड़े नेताओ के निर्देशानुसार स्थानीय नेता मुहं दिखाई के लिए कांग्रेस का काम जरूर कर रहे हे पर वास्तविकता कुछ ओर ही दिख रही है। कांग्रेस ने धाकड़ बाहुल्य क्षैत्र मानकर धाकड़ जाती के समंदर पटेल को मैदान मे उतारा पर जावद के अधिकांश धाकड़ परिवार भाजपा के साथ है। वही कुछ रहे सहे धाकड़ युवाओ मे निर्दलीय पूरण अहीर का झलवा हे समंदर के हाथ तो फिर खाली रहते दिख रहे हे। इसके अलावा क्षैत्र मे भाजपा की योजनाओ का असर आम आदमी पर जबरदस्त रूप से दिखाई दे रहा हे जिसमे खासकर लाड़ली बहना योजना तो घर घर मे भाजपा का गढ़ बनाती दिख रही है। वही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधी का असर भी कम नही है तो शिवराज सिंह की बिना ब्याज किसानो को ऋण ओर खाद बीज योजना भी भाजपा के लिए संजवनी बनी हुई है। तो इधर प्रधानमंत्री की फ्री राशन योजना भी कमजोर नही है। लोगो मे चर्चा हे की भाजपा लोगो का फायदा कर रही ओर कांग्रेस करने की बात कर रही है इसलिए लोगो का मन भाजपा की ओर ज्यादा दिख रहा है। कुछ भी कहो जावद सीट पर मुकाबला जोरदार चल रहा है चुनाव प्रचार अंतिम दौर मे हे सभी उम्मीदवार अपने अपने तीर तरकस से निकालकर चला रहे है। लोग भी चुनाव का भरपूर आनंद ले रहे हे चुनाव परिणाम क्या रहेगा यह तो नतीजे आने पर ही मालुम पडेगा।