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भाजपा प्रत्याशी परिहार के इतिहास रचने में रोड़ा बन, कांग्रेस के प्रत्याशी गुर्जर बनाएगें अपना इतिहास

Neemuch headlines November 14, 2023, 4:49 pm Technology

चीताखेडा । नीमच जिले की नीमच विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के प्रत्याशी इस चुनाव में इतिहास रचने वाले हैं, इस माह की 17 तारीख को होने वाले विधानसभा चुनाव में यदि भाजपा के सिर पर विजय ताज होगा तो दिलीप सिंह परिहार नीमच विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी बार विधायक निर्वाचित होंगे, तो वहीं कांग्रेस के उमराव सिंह गुर्जर विजय होते हैं तो वे भाजपा को इतिहास रचने में धूल चटाने वाले विधानसभा क्षेत्र नीमच के पहले विधायक होंगे। भाजपा के प्रत्याशी को चौथी बार जीत का इतिहास रचने में बांधा बनने में कांग्रेस प्रत्याशी उमराव बनेंगे रोड़ा, नीमच के इतिहास रचने में जिला चुनावी प्रभारी नूरी खान की रहेगी अहम भूमिका । विधानसभा क्षेत्र का नीमच की यह परंपरा रही है कि इस विधानसभा क्षेत्र से अभी तक किसी भी प्रत्याशी ने यहां पर लगातार चौथी बार जीत दर्ज नहीं की है, जिसके चलते जन-सामान्य में यह चर्चा है।

कि नीमच विधानसभा क्षेत्र में कोई व्यक्ति चौथी बार विधायक नहीं बना। भाजपा के दिलीप सिंह परिहार चौथा चुनाव लड रहे हैं। पहली बार दिलीप सिंह परिहार कांग्रेस के नंदकिशोर पटेल से चुनाव जीते थे फिर बीच में भाजपा के खुमानसिंह शिवाजी कांग्रेस के रघुराज सिंह चौरड़िया से लड़े। फिर कांग्रेस के नंदकिशोर पटेल के सामने दुसरी बार चुनाव जीते। तीसरी बार सत्यनारायण पाटीदार के सामने लड़े थे और अब इस चौथी बार इनका सामना एक किसान नेता से पाला पड़ा है, देखना है कि नीमच विधानसभा क्षेत्र में कौन इतिहास रचने है। वैसे देखा जाए तो इस बार जहां जहां जिस - जिस भी गांव में चुनावी दौरा भ्रमण के दौरान जनसंपर्क करने मतदाताओं के सामने भाजपा के विधायक प्रत्याशी दिलीप सिंह परिहार चौथी बार वोट मांगने जा रहे हैं तो वहीं मतदाता उनसे कन्नी काट रहे हैं और धुतकार रहे हैं तो कहीं गांव में घुसने तक नहीं दे रहे हैं। जहां देखो वहां दिलीप सिंह परिहार ने घोषणा तो खूब कर दी पर उन पर अमल नहीं किया, जिससे उन्हीं की घोषणा महंगी पड़ती नजर आ रही है,।

उसी का नतीजा है कि घोषणा वीर को अपनी ही घोषणा तखलीक दे रही है। वहीं उन्हीं के लोगों द्वारा भीतर घात जमकर हो रही है वहीं कांग्रेस में भी वैसे कांग्रेस कार्यकर्ता अभी तक सुस्त बैठे हुए हैं, और मतदाता मौन है। वैसे अभी तो चुनावी मतदान होने में 3 दिन शेष बचे है, वैसे देखा जाए तो मतदाताओं के रुख की बात करें तो इस बार परिवर्तन के मुड़ में है। भाजपा प्रत्याशी के ग्रामीण अंचलों में चुनावी दौरा भ्रमण के दौरान जनसंपर्क में स्थानीय ग्रामीणों की संख्या नगण्य होने से अपनी होती किरकिरी बचाने हेतु भीड़ को भी अपने साथ दिन भर समर्थकों का काफिला लेकर चलना पड़ रहा है। लगातार 18 सालों से भाजपा के कुशासन से तंग आ चुकी जनता पूरी तरह से परिवर्तन के मुड़ में है मतदान की तारीख का इंतजार कर रही है कि कब मतदान केंद्र पर पहुंचने का मौका मिले।

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