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सुख आने पर अहंकार से बचे और दुख आने पर ज्यादा शोक नहीं करें-

Neemuch headlines October 30, 2023, 5:06 pm Technology

नीमच । मनुष्य जीवन में समभाव का अत्यधिक महत्व है। हम प्रत्येक परिस्थिति में समभाव में रहे । जीवन में सुख के क्षण आने पर अहंकार से बचे तथा दुख आने पर ज्यादा शौक नहीं करें हंसी आने पर दूसरे का मजाक नहीं बनाए दूसरे के घर मकान दुकान की प्रशंसा करते समय विवेक रखें। ऐसा कर हम आप कई प्रकार के पाप कर्म जो हम अनजाने में कर बैठते हैं उससे बच सकते हैं यह बात जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही।

वे वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मोहिनी कर्म सबसे अधिक आत्मा में बाधक है । अर्थात घर परिवार भौतिक साधनों के प्रति हमारा अहम हमें अपनी आत्मा के कल्याण की चिंता नहीं करने देता है और व्यक्ति मोह में ही फंसकर जीवन बर्बाद कर लेता है। हम अपनी आत्मा की नहीं बल्कि शरीर की चिंता करते हैं। हम परमात्मा या साधु संतों के दर्शन करने जाते हैं। जीवन में हम जितना संभव हो सके प्रतिदिन तपस्या उपवास करने चाहिए। पुण्य पुरुषार्थ के कर्म बिना चातुर्मास सफल नहीं होता है। व्यक्ति तपस्या के पुण्य पुरुषार्थ के लक्ष्य को साध लेता है उसका तीर निशाने पर लग सकता है। सीता स्वयंवर में राम जी ने सफलता अर्जित की थी क्योंकि उनके पुण्य प्रबल थे। पुण्य उदय से ही सद्गुरु मिलता है। महापुरुषों का जीवन संस्कार संसार के लिए प्रेरणादाई होता है बड़ी सादड़ी श्री संघ एवं समाज जनों ने दिलीप दक के नेतृत्व में बड़ी सादड़ी नगर आगमन की विनती की और आशीर्वाद ग्रहण किया।

1 से 14 नवंबर तक प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे उतराध्यन दिन सूत्र का वाचन होगा। सभी समय पर उपस्थित होकर का धर्म लाभ का पुण्य आशीर्वाद ग्रहण करें। तपस्या उपवास के साथ नवकार महामंत्र भक्तामर पाठ वाचन, शांति जाप एवं तप की आराधना भी हुई। सभी समाजजन उत्साह के साथ भाग लेकर तपस्या के साथ अपना आत्म कल्याण का मार्ग प्राप्त कर रहे हैं। चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की। धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा, अभिजीतमुनिजी म. सा., अरिहंतमुनिजी म. सा, ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन भंवरलाल देशलहरा ने किया।

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