नीमच। रमेश मुनि जी महाराज दीन दुखियों की सेवा और सरलता की प्रतिमूर्ति थे । उनके सद्प्रेरणा से स्थापित महावीर स्वास्थ्य केंद्र दलोदा में हजारों लोगों के निःशुल्क ऑपरेशन हो चुके हैं। उन्होंने अनुसंधान कर उत्तराध्यान सूत्रसहित समाज और विभिन्न धर्म ग्रंथ साहित्यों की रचना में अमूल्य योगदान प्रदान किया था जो आज भी आदर्श प्रेरणादायक है।
उनके बताएं सेवा कार्यों पर हम आगे चले तो समृद्ध और विकसित समाज का विकास कर सकते हैं। यह बात जैन दिवाकरीय भ्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही। वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि रमेश मुनि जी महाराज साहब के उपदेशों का सभी संप्रदाय के लोग सम्मान करते थे। चंद्रेश मणि महाराज ने कहा कि रमेश मुनि जी महाराज साहब सहनशील और प्रेम सद्भाव के प्रतीक थे। अरिहंत मुनि जी महाराज साहब ने कहा कि हम जैसा कर्म करेंगे वैसा ही हमें फल मिलेगा। साध्वी डॉक्टर विजय सुमन श्री जी महाराज साहब ने कहा कि रमेश मुनि जी महाराज करुणा और मुस्कान के परीचायक थे।15 अक्टूबर रविवार को प्रातः 9 बजे रमेश मुनि जी महाराज साहब की पुण्यतिथि के पावन उपलक्ष्य में एकासना दिवस मनाया एवं आत्म शांति और आत्म कल्याण के उद्देश्य से जैन दिवाकर भवन में 9 तीर्थ की स्तुति के जाप हुए।
इस अवसर पर दोपहर में जैन धार्मिक प्रतियोगिता आयोजित हो रही है। सभी समाजजन उत्साह के साथ भाग लेकर तपस्या के साथ अपने आत्म कल्याण का मार्ग प्राप्त कर रहे हैं। चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की। धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा, अभिजीतमुनिजी म. सा., अरिहंतमुनिजी म. सा. ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में वीरवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश चंद्र वीरवाल, अनिल वीरवाल, कुंदन मल समोता, श्यामसुंदर बोकडिया, संदीप बोलिया, पूर्णिमा बोकडिया, ख्यालीलाल जैन उदयपुर, जमनालाल जैन निंबोद, सहितसैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन भंवरलाल देशलहरा ने किया।