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युवा हनुमान जी के सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करें तो राष्ट्र का विकास हो सकता है -राष्ट्र संत डॉ. मिथिलेश नागर, युवाओं ने देश सेवा के साथ नशा मुक्ति का लिया संकल्प

Neemuch headlines October 15, 2023, 6:48 pm Technology

नीमच । हनुमान जी ने श्री राम की सेवा को ही अपने जीवन का आदर्श लक्ष्य बनाया और संसार के युवाओं को श्री राम सेवा के साथ देशभक्ति की प्रेरणा का संदेश भी दिया। क्योंकि राम के सभी कार्य राष्ट्र कल्याण से जुड़े होते थे युवा वर्ग हनुमान जी के सेवा कार्यों को जीवन में आत्मसात करें तो राष्ट्र का विकास हो सकता है। हनुमान जी द्वारा की गई सेवा के कारण ही उन्हें अमरता का वरदान मिला। आधुनिक युग में हनुमान जी को स्मरण मात्र से संकट दूर हो जाते हैं। यह उनकी स्वामी देश सेवा भक्ति का ही परिणाम है। सुंदरकांड का वाचन करने से आत्मा पवित्र होती है और विश्व का कल्याण होता है।

समीप भारती ग्राम बर्दिया में विजय बालाजी एवं नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में साध्वी मीरा बहन के सानिध्य एवं विश्व कल्याण के लिए आयोजित धर्म सभा एवं संगीतमय सुंदरकांड पाठ में राष्ट्रसंत भागवत भास्कर डॉक्टर मिथिलेश नागर ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गणेश जी ने माता की आज्ञा के लिए अपना सर कटा दिया था इसीलिए आज संसार में प्रथम पूजनीय हैं। युवा वर्ग भारत माता गौ माता की रक्षा का संकल्प ले और भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए पश्चिमी संस्कृति का विरोध करें | भारतीय संस्कृति ने पूरे विश्व को एक नई दिशा प्रदान की है। हनुमान जी शक्तिशाली होने के बावजूद भी रावण के पुत्र अक्षय द्वारा ब्रह्मास्त्र छोड़ा गया था हनुमान जी ने ब्रह्मा का मान रखने के लिए स्वयं ब्रह्मास्त्र में वंदना स्वीकार किया और वीर से महावीर कहलाए। पवित्र मन से सुंदरकांड का पाठ का वाचन करे तो ज्ञान के प्रज्ञा चक्षु से हनुमान जी आशीर्वाद प्रदान कर सुख समृद्धि प्रदान करते हैं।

राष्ट्रीय विकास के लिए महाराणा प्रताप के रक्त से प्रेरणा लेकर देश सेवा अभियान में युवा वर्ग जागरूक होकर आगे बढ़े तो वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व गुरु बन कर शक्तिशाली राष्ट्र बनेगा। युवा वर्ग देश के अमर शहीद चंद्रशेखर भगत सिंह के क्रांतिकारी जोश को सीख कर जीवन में आत्मसात करें संघर्ष के साथ जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा सुंदरकांड के श्लोक देते हैं। उन्होंने कहा कि हनुमान जी ने माता जानकी की खोज के लिए समुद्र तट पर श्री राम की सेवा से अभियान का शुभारंभ किया । अंगद को श्रीलंका जाने का विश्वास नहीं था तब हनुमान जी ने संकल्प लेकर कहा कि माता जानकी की खोज का कार्य आत्मविश्वास के साथ पूरा करेंगे। समाज विकास के कार्य के लिए हमारी सोच सदैव सकारात्मक होना चाहिए तभी हमें सफलता मिल सकती है। किष्किंधा कांड में राम हनुमान का संवाद सकारात्मक सोच की प्रेरणा देता है। सामाजिक बुराई रूपी दुश्मन से युवा वर्ग युवा वर्ग योजना बनाकर युद्ध करें तो सफलता मिल सकती है और समाज से सामाजिक बुराइयां मिट सकती है। किसी भी कार्य को करने के लिए मन का भाव शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। हनुमान जी ने माता सीता की अशोक वाटिका में खोज के बाद राम काज देश भक्ति सेवा कार्य को पूर्ण करने की प्रसन्नता व्यक्त की थी। युवा वर्ग को छोटे-छोटे कार्य में सफलता मिलने पर भी प्रसन्न रहना चाहिए ताकि यही उर्जा युवाओं को कठिन से कठिन कार्य में आगे बढ़ने के लिए शक्ति प्रदान करती है।

प्राचीन काल में सभी आयु वर्ग के लोग मंदिर में पूजा पाठ व्रत उपवास तपस्या आदि करते थे तो वह सुखी और शांति के साथ जीवन जीते थे आज का युवा मंदिर जाना भूल रहा है इसीलिए वह डिप्रेशन का शिकार हो रहा है। हनुमान जी ने प्रत्येक कर्म को राम की सेवा राष्ट्र सेवा का कर्म माना कर्म ही पूजा है सभी कार्य राम यानी कि राष्ट्र को समर्पित किए थे। युवा वर्ग समर्पित भाव से राष्ट्र सेवा के कार्य करें तो राष्ट्र का विकास हो सकता है। युवा वर्ग जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो बुजुर्गों, माता पिता, गुरु चरण स्पर्श कर आज्ञा का पालन कर उनका सम्मान करें। तो दुनिया की कोई शक्ति युवा वर्ग को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है। सास बहू को बेटी और बहू सास को मां की तरह प्रेम करे तो घर स्वर्ग बन सकता है। युवा वर्ग संस्कार का ज्ञान जीवन में आत्मसात करे तो उनका विकास हो सकता है। बच्चों की पहली गुरु माता होती है। माता विद्या और लक्ष्मी का रूप होती है। यदि 1 करोड रुपए का भी नुकसान हो रहा हो तो पहले आरती सत्संग का कार्य करें। गीता का संदेश है कि जीवन में समय से पहले और भाग्य से अधिक कुछ नहीं मिलता है। बच्चों को धार्मिक त्योहारों पर परिवार रिश्तेदार नातेदार काका बुआ मौसी मामा आदि सदस्यों के साथ परिचय कराएं। युवा वर्ग महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र से प्रेरणा लें उनके इतिहास को पढ़े और अपने जीवन का मार्ग प्रशस्त करें। माता-पिता बच्चों को शिक्षा के साथ धार्मिक नैतिक संस्कारों का पाठ भी पड़ा है। विद्यार्थियों को फेसबुक इंटरनेट इंस्टाग्राम का ज्ञान सिखाना चाहिए लेकिन उसकी आदत नहीं डालना चाहिए। उसे तकनीकी ज्ञान सीखने तक ही उपयोग करना चाहिए मोबाइल में अधिक समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।

घरों में नौकर नहीं रखना चाहिए परिवार जन स्वयं ही साफ-सफाई झाडू पोछा बर्तन करे तो सभी का शरीर स्वस्थ रह सकता है और परिवार में अपनापन भी बढ़ता है। अंग्रेज और मुगलों से देश को आजाद कराने के लिए तो महाराणा प्रताप और शिवाजी ने जन्म लिया था लेकिन देश के संस्कारों से जुड़ने के लिए युवा वर्ग को ही परिश्रम करना पड़ेगा। हमें सामूहिक रूप से धार्मिक नैतिक संस्कारों के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए यदि युवा वर्ग समय रहते धर्म के प्रति सजग रहा धार्मिक संस्कारों के कार्यक्रमों में अग्रणी रहा तो हम धर्म का पाठ पढ़ेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा। युवा वर्ग शहीद सैनिकों के सम्मान करेंगे तो भारत सुरक्षित रहेगा और अखंड भारत की परिकल्पना शीघ्र पूर्ण होगी। इस अवसर पर गुरुदेव द्वारा शंख ध्वनि का नाद किया गया। इस अवसर पर युवाओं और बच्चों को समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र विकास तथा नशा सामाजिक बुराई है। नशे से दूर रहने का सामूहिक संकल्प भी दिलाया गया। इस अवसर पर बांसवाड़ा आश्रम के महंत हरि ओम शरण दास जी शास्त्री, तीन छतरी बालाजी धाम खानपुरा मंदसौर के महंत रामकिशोर दास महाराज, साध्वी मीरा बहन, श्री बड़े बालाजी महंत जानकी दास महाराज, अशोक अरोड़ा गंगानगर वाला, गोपाल गर्ग जीजी, विजय साहू रंजीत शर्मा, निर्मल देव नरेला, नवीन गहलोत पृथ्वी गहलोत, डॉक्टर मनोहर राव साहब, अर्जुन जायसवाल केवल साहू, नवीन नागेश्वर, सहित अनेक लोग समीपवर्ती ग्रामों के ग्रामीण जन भी उपस्थित थे।

तूफानी हवाओं के बावजूद श्रद्धालु भक्त धर्म सभा में देर शाम तक उपस्थित थे। इस अवसर पर पुष्प वर्षा की गई। महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। संतों का सम्मान कर आशीर्वाद ग्रहण किया बांसवाड़ा के महंत हरि ओम शरण शास्त्री, तीन छतरी बालाजी मंदसौर के महंतरामकिशोर दास जी महाराज, साध्वी मीरा बहन बड़े बालाजी मंहत जानकी दास महाराज आदि संतों का सम्मान शाल श्रीफल प्रदान कर किया गया।

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